
126 Shayari in Hindi
गुजर गया है भीजब हम तेरे तलबगार थे आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं.. तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है। मेरे दिल ने…