291 Sad Shayari

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Welcome to the realm of emotions and heart-wrenching feelings with our vast collection of 291 Sad Shayari. Life’s journey is filled with moments of sorrow, heartbreak, and longing, and within this poignant compilation, you will find a diverse array of verses that beautifully express the pain and vulnerability of the human heart.

Sad Shayari is a powerful form of poetry that touches the soul, providing an outlet to release emotions and find solace in shared experiences.

Whether you seek to find comfort in shared feelings, articulate your own grief, or simply explore the depths of human emotions, these verses will resonate with the most delicate corners of your heart.

मेरे मुक़द्दर को भी गिला रहा है मुझसे,
कि किसी और का होता तो संवर गया होता।


तुम्हारे लिए मिट जाने का हौंसला रखते थे,
लेकिन तुम ही मिटा दोगे यह नहीं जानते थे ||


अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी…
लोग तसल्लियां तो देते हैं पर साथ नहीं।


वक्त⏰जब आँखे👁️फेर लेता है ..शेर🦁को तो कुत्ता🐕भी घेर लेता है….!!


ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
और मेरी जान पैदल होगी…!!!


हर दर्द का इलाज़ मिलता था जिस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया तो दवाख़ाने बन्द हो गये!!


उस फलक के तीर का क्या निशाना था..
जहां थी मेरी मंजील वही मेरा आशियाना था..
बस पहुंच ही रही थी कश्ती साहिल पर मेरी..
लेकिन मेरी किस्मत देखों..
इस जालिम तूफान को भी अभी आना था।


यह मत पूछो तुम बिन हम क्या-क्या खोते रहे,
तुम्हारी यादों में हम रोज़ कितने रोते रहे,
न दिन गुजरे है न रातें,
बस कुछ बेचैन से हम होते रहे ..


ज़रा गौर से पढ़ा कीजिये,
हमारे अल्फ़ाजों को,
क्योंकि किसी के लिए हमने,
सच में ज़िन्दगी तबाह की है अपनी।


वो बात अलग है के तुम निभा न सके
लेकिन गजब थे वो वादे जो तुम ने किये थे


जब भी वो आये तो एक अलग ही मन्ज़र बनाती है,
तेरी खामोश निगाह मेरे दिल पे एक ख़ंजर चलाती है।


गुजरा हूँ हादसात से लेकिन वही हूँ मैं,
तुम ने तो एक बात पे रस्ते बदल लिए।


दगा दे गए जो प्यार में,
हमे उनकी याद सताती है ||
वह सोते है चैन से,
हमे उनकी याद सताती है ||


इश्क़ कभी झूठा नहीं होता,
झूठे तो बस कसमे और वादे होते है !!


प्यार❤️करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए…!!


रात सारी तड़पते रहेंगे हम,
अब…आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को…..!!!


टूट कर चाहना और फिर टूट जाना,
बात छोटी है मगर जान निकल जाती है।


ये मेरे खुदा तू इश्क मत करना..
वरना तूभी मेरे जैसा ही धोखा खएगा..
मत करना इश्क वरना खूब पछताएगा..
हम सब तो मर के तेरे पास आते हैं..
लेकिन तू कहां जायेगा।


मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे,
या फिर अपनी मोहब्बत से नवाज़ दे,
आज बहुत उदास है मन मेरा,
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आवाज़ दे..


तुम्हारी बेवफ़ाई ने,
कुछ ऐसा सिला दिया हमें,
ज़हर कम्बख़्त जुदाई का,
पिला दिया हमें।


पाओगे हमको भी बिछड़ के आस पास
हर शे मैं ज़िन्दगी की झलक छोड़ जायेंगे


तू मेरे साथ रहना उम्र भर,
चाहे दर्द बन कर,
चाहे मोहब्बत बन कर।


जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती,
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता,
वो ना आती मगर इतना तो कह देती कि आँऊगी,
सितारे, चाँद, सारा आसमान राहों में बिछा देता।


ना जाने कब मौत का फरमान आ जाये,
खुदा करे मेरी जान आपके काम आ जाये ||
कुछ भी नहीं बस चाँद दुआएं है पास मेरे,
खुदा करे दुआ मेरी आपके काम आ जाये ||


यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे..
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे..


मैंने वो खोया जो मेरा कभी था ही नहीं…. लेकिन तुमने वो खोया जो सिर्फ तुम्हारा था💯…!!


मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो,
आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है,
इसीलिए तो चुपके से चले आते है….!!!


टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में!!


आंसूओं को बहुत समझाया मैंने कि..
तन्हाईयों में मत आया करों..
महफिलों में हमारा मजाक मत उड़ाया करों..
इस पर आंसू तड़प कर कहते हैं..
इतने लोगों में तुम्हें तन्हा पाते हैं..
इसलिए साथ देने तुम्हारा हम चले आते है।


रिश्तों के कुछ लिहाजदारी में,
रुह यू अजर-अमर हो गए,
इंतज़ार था जिनके लौट आने का,
वो आये जब, आंसू पत्थर हो गए..


अधूरे मिलन की आस है ये ज़िन्दगी,
हँसी और ग़म का एहसास है ये ज़िन्दगी,
कभी वक़्त मिले तो आना मेरे ख़्वाबों में,
तुम्हारे बिना बहुत उदास है ये ज़िन्दगी।


तुझे माँग माँग के तहक गए
मेरे होंठ भी मेरे हाथ भी


उनकी चाहत तो हम भी रखते हैं,
हो न हो लेकिन हम भी उनके दिल मे धड़कते हैं,
वो हमें याद करें या न करें,
लेकिन हम तो सिर्फ उनके लिए ही तड़पते हैं।


मुझे मेरे कल की फ़िक्र आज भी नहीं मगर,
ख्वाहिश उसको पाने की कयामत तक रहेगी।


हम हक्क चाहत का अदा करते है,
हम बेवफा से भी वफ़ा करते है ||
खुदा उन्हें सलामत रखे,
हम उनकी सलामती की दुआ करते है ||


इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है
लोग बहुत तकलीफ देते है
अक्सर अपना बना कर


दुआ है कि तुझे हर कोई प्यार करे😘पर बद्दुआ ये भी है कि कोई मेरी तरह ना करे 💔…!!


मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना,
मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…..…!!!


सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ;
माना कि तुमको प्यार नहीं, नफ़रत ही जताने आ जाओ;
जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए थे तुम, हम बैठे अब तक सोच रहे है कि
क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए, बस यह समझाने हि आ जाओ।


ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है,
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है..


आदत ही बदल दी हमने,
अपने वक़्त को काटने की,
कि अब दिल ही कोशिश नहीं करता,
किसी से भी अपना दर्द बांटने की।


सब कुछ बदला था बरसो बाद मिले
हाथ भी ना थाम सके वो इतना पराये से लगे


मैंने तो किया था लाखो बार अपने प्यार का इज़हार,
लेकिन तूने कभी नही किया अपने प्यार का इकरार,
इस जमाने ने हमे समझाया तो बहुत था,
लेकिन इस जमाने पर हमने कभी नही किया ऐतवार।


अब इस से ज्यादा और क्या नरमी बरतूं,
दिल के ज़ख्मों को छुया है तेरे गालों की तरह।


दिल टूटा हैं प्यार में,
ज़ख़्मी दिल है पास मेरे ||
ज़ख्म मिले है प्यार में,
ज़ख़्मी दिल है पास मेरे ||


सुख मेरा, काँच सा था..
ना जाने कितनों को चुभ गया.


चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुझे सारी उम्र बस तू❤️…कभी जिसे भूल न पाए वो चाहत यक़ीनन हमारी होगी👩…!!


जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे,
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ…..!!!


अच्छा है आँसुओं का रंग नहीं होता,
वरना सुबह के तकिये रात का हाल बयां कर देते।


अब भी ताज़ा हैं जख्म सिने में..
बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में…
हम तो जिन्दा हैं तेरा साथ पाने को
वर्ना देर नहीं लगती हैं जहर पीने में


कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,
आँखों को देखा पर दिल में उतर कर नहीं देखा,
पत्थर समझते हैं मेरे चाहने वाले मुझे,
हम तो मोम है किसी ने छूकर नहीं देखा।।


आज अकेले हैं तो क्या हो गया,
कभी कोई हमारा भी अपना हुआ करता था,
कुछ समय पहले


तुझ से कुछ और नहीं चाहिए आय ज़िन्दगी
बस वो शख्स मिला दे जिसे हम प्यार करते है


वो कितनी आसानी से मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े करके किसी और कि बाहों में सो गया,
कितने आसान से लफ़्ज़ों में बेवफ़ाई का नाम मज़बूरी हो गया।


टूटे हुये सपनों और रूठे हुये
अपनों ने उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का
राज पूछा करते थे।


मुहब्बत रंग लाएगी सागर,
लहू दिल का बहने के बाद ||
उन्हें याद मेरी भी आएगी,
मगर अर्थी उठ जाने के बाद ||


जाने कैसी नजर लगी ज़माने की ,
अब वजह मिलती नही मुस्कुराने की.


लाजबाब था तेरा छोड़कर जाना…जब भरी भरी आँखों👁️से मुस्कुराए थे हम👱♀️…!!


चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को.. उसने तड़प के कहा,
नए कपड़े क्या पहन लिए… हमें देखते भी नहीं….!!!


अगर जाना था मुझ्से दूर तो पास बुलाया क्यूँ..
प्यार था ही नही मुझ्से तो बहलाया क्यूँ..
खुश थे हम अपनी गम ऐ ज़िन्दगी मैं..
चेहरा अपना दिखा कर तद्पाया क्यूँ


संभाले नहीं संभलता है दिल,
मोहब्बत की तपिश से न जला,
इश्क तलबगार है तेरा चला आ,
अब ज़माने का बहाना न बना।


टूट गया ये दिल में जब वो ख़फ़ा हो गए,
महसूस तब हुआ जब वो जुदा हो गए,
करके वफ़ा तो मुझे कुछ ना दे पाये वो,
लेकिन दर्द बहुत दे गए जब वो बेवफा हो गए।


यूँ न किछ मुझे अपनी तरफ बे बस करके
ऐसा न हो के खुद से बिछड़ जाओ और तो भी न मिले


मुझे खबर है तेरे दिल मे मैं नही,
तेरे दिल मे कोई और ही सही,
तू कभी भुलाया न जायेगा,
तू बस एक टूटा हुआ ख्वाब ही सही।


कुछ अजब हाल है इन दिनों तबियत का साहब,
खुशी खुशी न लगे और ग़म बुरा न लगे।


लोग दिलदार मांगते है,
हम दुआ मांगते है ||
हमे मिला दे खुदा ,
हम मिलने की दुआ मांगते है ||


जहर देता हैं कोई कोई दवा देता हैं.
जो भी मिलता हैं मेरा दर्द बढ़ा देता हैं.


ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो..मैंने तो अक्सर रात गुजारी है तेरी याद में चाँद को देख👁️के🌝…!!


कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का,
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला……!!!


सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही..
बांटना चाहता हूँ तो बस प्यार और मोहब्बत,
यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही…!!


तबाह कर दी ज़िन्दगी मेरी उसने मोहब्बत के नाम पर,
बेवफाई ही मिली नसीब में हमे वफ़ा के नाम पर ,
ज़ख्म ऐसे गहरे दिए उसने दवा के नाम पर,
की खुदा भी रो पड़ा मेरे इश्क़ के अंजाम पर..


मंज़िल भी उनकी थी और रास्ता भी उनका था, बस एक हम ही तनहा थे और सारा जहां उनका था,
साथ ज़िन्दगी बिताने का ख्वाब तो हम लेकर चले लेकिन रास्ता बदलने का ख्याल उनका था…


हम्हे आता नहीं जख्मों की नुमाइश करना
खुद हो रो लेते है तडपते है बहल जाते है


तेरी ज़िन्दगी से एक दिन बहुत दूर चला जाऊंगा,
फिर लौट कर बापस कभी नही आऊंगा,
बस बहुत जी लीए वेबफाई के गम में,
अब किसी और को इस दिल में नही बसाऊंगा।


दवा न काम आई, काम आई न दुआ कोई,
मरीजे-इश्क़ थे आखिर हकीमों से शिकायत क्या।


चाँद की रोशनी में भी,
ना जाने कैसा सुरूर होते है ||
हम जिसे भी चाहते है,
वो अक्सर हमसे दूर होता है ||


😓😓छोड़ो न यार क्या रखा है
👂👂सुनने और सुनाने🗣🗣 में ,
किसी ने कसर नहीं छोड़ी दिल दुखाने में 💔💔💔


हम तो मौजूद थे रात में, उजालो की तरह।
तुम निकले ही नही, ढूँढने वालों की तरह।
दिल तो क्या, हम रूह में भी उतर जाते।
तुमने चाहा ही नही चाहने वालों की तरह।


तुझसे ना मिलने की कसम खाकर भी. हर राह में तुझे ही ढूँढा है मैंने👁️👩…!!


तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,
कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….!!!


पलकों की हद तोड़ के, दामन पे आ गिरा,
एक आसूं मेरे सब्र की, तोहीन कर गया।


याद आती है अब उनकी दिन की रुसवाइयों में,
और आती है उनकी याद रात कि तनहाइयों में,
आंखें बन्द कर देख लेता हूं वो हसीन चेहरा,
तसवीर जो छुपा रखी है मेंने अपने दिल कि गहराइयों में…!!


एक नया दर्द मेरे दिल में जागकर चला गया ,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में ,
मुझसे वो अपनेआप को छुपा कर चला गया..


क्या दुआ मांगू कि वो लौट आएं मेरे पास,
क्या वो नहीं जानते कि उनके अलावा कुछ और नहीं मेरी ज़िन्दगी में।


करता तो है वो याद से मुझे चाहत से मगर
होता है ये कमाल बड़ी मुद्दतों के बाद


सोचता हूँ अपने सारे दर्द तुझसे बयां कर दूं,
सारे जख्म तुझसे अपने रूबरू कर दूं,
ये दर्द दिल के हैं दिखाए नही जाते,
फिर सोचता हूँ इनको यहीं दफन कर दूं।


क्या बताऊँ कैसे खुद को दर-ब-दर मैंने किया,
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया,
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार तुझसे बेखबर मैंने किया।


चेहरों में दूसरों के उसे ढूंढ़ते रहे,
कहीं सूरत नहीं मिली कहीं सीरत नहीं मिली।


किस किस को क्या इलज़ाम दूं दोस्तो,
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे
और दफनाने वाले भी अपने !!


हम अफ़सोस क्यों करे की कोई, हमें न मिला।
अफ़सोस तो वो करे, जिन्हें हम ना मिले।


तन्हाई साथी है😔……मेरी जिंदगी के हर पल की…कैसे शिकायत करूँ कि……किसी ने साथ नहीं दिया मेरा..!!!


सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता,
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….!!!


अब मोहब्बत नहीं रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नहीं मज़ाक किया करते है।


कोई अनजान जब अपना बन जाता है,
ना जाने क्युँ वो बहुत याद आता है,
लाख भुलाना चाहो उस चेहरे को मगर,
अकस उसका हर चीज में नज़र आता
है…!!


अब तेरे बिना ज़िन्दगी गुज़ारना मुमकिन नहीं है ,
अब और किसीको इस दिल में बसाना आसान नहीं है,
हम तो तेरे पास कब के चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने हमे कभी दिल से पुकारा ही नहीं।।


आप तो अक्सर कहते थे कि हर शाम हाल हमारा पूछोगे,
बस इतना बता दो कि बदल आप गए हो या आपके यहाँ शाम नहीं होती….


एक चाहत थी आपके साथ जीने की
वरना मोहब्बत To किसी और से भी हो सकती थी


चाहें तू कितनी भी दुआ कर मुझसे दूर जाने की,
मैं भी उसी रब से दुआ करूंगा तुझे मेरे पास लाने की।


उस की हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले,
काश उसको मेरी किस्मत में भी लिखा होता।


भाई इतने ज़ख्म थे दिल पे की,
हक़ीम ने इलाज़ में मौत ही लिख दी !!


कभी सोचा भी नही था, ज़िंदगी में ऐसा भी फ़साना होगा।
रोना भी ज़रूरी होगा, और आंसू भी छुपाना होगा।


तोड़ते रहो तुम दिल💔को कांच की तरह, हम टूटकर भी सिर्फ तुम्हे ही चाहेंगे❤️…!!


कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले,
बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं……!!!


निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला की…
हर वह शख्स अकेला है, जिसने मोहब्बत की है!


दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया;
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया;
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने;
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो
आया।


तेरे बिना हम जीना भूल जाते हैं,
ज़ख्मो को सीना भूल जाते हैं,
तू ज़िन्दगी में सबसे अज़ीज़ है हमे,
तुझसे हर बार यह कहना भूल जाते हैं..


रोक लेते तुम्हे हम अगर हक़ थोड़ा भी तुम पर हमारा होता,
ना काट रहे होते यूं रो-रोकर ज़िन्दगी अपनी,
अगर इस दिल में हमारे तुम्हारे अलावा कोई और होता


बस यही बात आपकी अच्छी लगती थी
वो जो हम्हे प्यार से पागल कहती थी


तेरे इश्क़ की अब ज़रूरत नहीं है हमे,
हमें तो नफरत ने संभाल लिया,
हमे अब नही है हसरत तेरी दोस्ती की,
हमे तो अब दुश्मनो ने पाल लिया।


पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं ख्वाबों में किसे देखते हो?
और हम हैं कि एक उम्र से सोए ही नहीं।


ये लोग जो रोते है मेरी लाश पे,
अभी उठ जाऊँ तो जीने नहीं देंगे !!


कुछ रहम कर ये ज़िंदगी , थोड़ा संवर जाने दे।
तेरा अगला ज़ख़्म भी सह लेंगे, पहले वाला तो भर जाने दे।


इश्क खुदकुशी का धंधा है…अपनी ही लाश अपना ही कंधा है…!!


जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला,
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है….!!!


वजह तक पूछने का मौका ही ना मिला,
बस लम्हे गुजरते गए और हम अजनबी होते गए।


समझ न सके उन्हें हम,
क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे,
अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे,
वो दिल तोड़ने के लिए मशहूर थे…!!


पत्थर समझ कर पाव से ठोकर लगा दी,
अफ़सोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे ,
क्या क्या उम्मीदें बाँध कर आया था सामने ,
उसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे। ..


बहुत ही दर्द देते हैं वो ज़ख्म, जिनके हम हक़दार नहीं


किसी ने भरोसा तोडा किसी ने दिल तोडा
और लोगो को लगता है के बहुत बदल गए है हम


जिनकी तस्वीरे बनाकर खुश हुआ करते हैं,
आज वही बदले बदले लगने लगे हैं,
जो कभी हमारे दिल में रहा करते थे,
आज वही दूसरों के दिलों में रहा करते हैं।


ना जाने कैसी नजर लगी है ज़माने की,
वजह ही नहीं मिल रही मुस्कुराने की।


हम गए उनकी गली में
तो वो फूल बरसाने लगे ||
जब देखा उनकी मम्मी ने तो
साथ में गुलाब भी आने लगे ||


जमाना वफादार नहीं है तो फिर क्या हुआ,
धोखेबाज भी तो हंमेशा हमारे अपने ही होते है..


मेरे इश्क में दर्द नहीं था पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था
होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात
पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था


कदर करनी है तो जनाब जीते जी करो , वरना
मरने के बाद तो कब्र पर पराए भी रो देते है ।


यू बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में❤️की लुटा कुछ नहीं पर बचा भी कुछ नहीं…!!


तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं……!!!


हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे,
छीले इतने गए कि “खंज़र ” हो गए…


प्यार की आंच से तो पत्थर भी पिघल जाता है,
सच्चे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता है,
प्यार की राहों पर मिल जाये सच्चा हमसफ़र,
तो गिरा हुआ इंसान भी संभल जाता है…!!


मेरी आखों को तेरी सूरत जानी पहचानी लगती है,
तुमसे शुरू मेरी कहानी तुमसे ख़तम होती है ,
मिलके तुझसे मेरे दिल ने बहुत ख्वाब देखे हैं,
तुझसे ढलती मेरी शाम तुझसे सुबह होती है..


अकेले ही गुज़ारनी पड़ती है यह तनहा ज़िन्दगी, हौंसला तो सब देते हैं लेकिन साथ कोई नहीं देता।


जमाना कहता है बड़ी दिलकस है मेरी आँखें
उन्हें किया मालूम ये मेरे पियर की निशानी है


जिनसे उम्मीदें वफ़ा की, वही वेबफा आज कहतें हैं,
जिन्होंने हमारे मरहम लगाया, वही आज घाव देतें हैं।


अपनी ही मोहब्बत से मुकरना पड़ा मुझे,
जब देखा उसे रोता किसी और के लिए।


हज़ारो बातें मिल कर एक राज़ बनता है
सात सुरों के मिलने से साज़ बनता है ||
आशिक़ के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता
और हसीनाओ के मरने पर ताज़ बनता है ||


अब तो वक्त ही उसे बतायेगा,
की कितने कीमती थे हम !!


काश कोई हम पर प्यार जताता

हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता

हम जब पूछते कौन हो तुम

मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता।


इतना दर्द तो मरने के बाद भी ना होगा।
जितना दर्द उनकी ये ख़ामोशियाँ दे रही है ।


अजीब जुल्म करती है तेरी ये यादें सोचू तो बिखर जाऊ ना सोचू तो किधर जाऊ…!!


तुमने क्या सौचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,
पगली छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने लगाने के लीऐ…!!!


निकाल दिया उसने हमें अपनी जिंदगी से, भीगे कागज़ की तरह,
न लिखने के काबिल छोड़ा न जलने के।


रह रह कर याद आती हैं बीते पल की यादे,
उन्हें भूल जाना तो मज़बूरी होता है,
जब निभाना हो ज़िन्दगी का साथ,
तो आज के इस पल को गले लगाना जरुरी होता है…!!


लेके चले थे तूफ़ान, ठोकरों का डर ना था,
संग था कारवां,बिछड़ने का गम ना था,
आरज़ू थी साथ रहे उम्र भर , लेकिन मिलने का वक़्त ना था,
कोशिश तो बहुत की लेकिन नज़रे मिलाने का दम ना था..


बस इतना बता दो हमें, इंतज़ार करें आपका या बदल बदल जाएँ हम आपकी तरह


मायूस मत होना ये एक गुन्हा होता
मिलता है वही बस जो नसीब में होता है


इस दिल मे जिसे बसाया वो दूर हो गया,
ऐसा क्या हमसे कसूर हो गया,
न वेबफा तू ही है न वेबफा मैं ही हूँ,
ये तो बस वक्त का दस्तूर हो गया।


हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह,
लोग निकले ही नहीं ढूढ़ने वालों की तरह,
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते,
तुमने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह।


अपनों से खाये जखम तोह,
आदत सी हो गई जखम खाने की ||
इनकी ठोकर लगी है हमे अब तो,
आदत सी हो गई चोट खाकर मुस्कुराने की ||


जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं

क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं

तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ

गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं


चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही।
अकेले रहना मेरी आदत है। मजबुरी नही।


तेरी नफ़रत ने ये क्या सिला दिया मुझे।
ज़हर ग़म — ए — जुदाई का, पिया दिया मुझे।


तलवार के घाव मिट जाते है लेकिन बातों के घाव हमेशा याद रहते है…!!


जा जाकर धड़क उसके सीने में ऐ दिल,
हम उसके बिना जी रहे है तो तेरे बिना भी जी लेंगे….!!!


मुझे जिस चिराग से प्यार था…
मेरा सब कुछ उसी ने जला दिया…


हम कभी मिल ना पाऐ तो माफ करना,
आप को याद ना कर पाऐ तो माफ करना,
इस दिल से तो कभी हम भुला ना पायेंगे आपको,
पर ये दिल ही अगर रूक जाऐ तो माफ करना…!!


वो नज़र कहाँ से लाऊँ जो तुम्हे भुला दे,
वो दवा कहाँ से लाऊँ जो इस दर्द को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहता है तक़्दीरों में,
पर वो तक़दीर कहाँ से लॉन जो हम दोनों को मिला दे..


तुम्हारे लिए मिट जाने का हौंसला रखते थे,
लेकिन तुम ही मिटा दोगे यह नहीं जानते थे।


उन लोगो की उम्मीदों को कभी टूटने ना दे
जिसकी आखरी उम्मीद तुम हो


तू भुला दे मुझे इस बात का शिक़वा नही,
तू ने मुझे रुलाया इस बात का कोई गिला नही,
जिस दिन हमने तुझे भुला दिया,
बस तभी समझ लेना कि दुनिया मे हम नहीं।


वो आए थे मेरा दुख-दर्द बाँटने के लिए,
मुझे खुश देखा तो खफा होकर चल दिये।


सब कुछ हमने सह लिया,
दर्द-ए-दिल सहा नहीं जाता ||
लाश से बदतर ज़िन्दगी है,
सागर अब ज़िंदा रहा नहीं जाता ||


लोग कहते है हम मुस्कराते बहुत है…
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते


ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं |


क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो।
कोई बात दिल पे लगी है, या दिल कही लगा बैठे हो।


हसीन आँखों👁️को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको…मुहब्बत❤️में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली💔…!!


अगर इन आंसूओं की कुछ किमत होती,
तो कल रात वाला तकिया अरबों में बिकता…..!!!


मेरे इश्क में दर्द नहीं था,
पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था,
होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात,
पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था…!!


वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मैं,
उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मैं।


ना हम रहे दिल लगाने काबिल,
ना दिल रहा ग़म उठाने काबिल,
लगे उसकी यादों के जो ज़ख्म दिल पर,
ना छोड़ा उसमे मुस्कुराने के काबिल।।


अपने दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया हमनें,
लोगों को लगने लगा कि हमें दर्द ही नहीं होता…


कुछ लोग मेरी शायरी से सीते है अपने ज़ख़्म
कुछ लोग को चुबता हो मैं नमक की तरह


मोहब्बत करने वालों का मुकद्दर बुरा होता है,
हर जुदाई का किस्सा उसी से जुड़ा होता है,
कभी उन किताबों पर गौर करके पड़ना,
हर मोहब्बत का किस्सा अधूरा होता है।


रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर,
क्या खबर थी वो इतना खफा हो जाएगा।


अश्को से आग भुझायी नहीं जाती,
हमसे उनकी यादे भुलाई नहीं जाती ||
वो तोह चले गए हमे छोड़ कर,
हमसे उनकी यादें भुलाई नहीं जाती ||


कुछ नहीं लिखने को आज….
न बात , न ज़ज्बात


कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको .


ज़िंदगी में प्यार क्या होता है, उस शख़्स से पूछो।
जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतज़ार किया हो।


जब तीर लगा था🏹,तब इतना दर्द नहीं हुआ था😟…जख्म का एहसास तो तब हुआ,जब कमान देखी अपनों के हाथों में😢….!!


वो भी जिन्दा है, मैं भी जिन्दा हूँ,
क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है.…….!!!


मत पूछ मुझे………, क्या गम है!
तेरे वादे पे ज़िंदा हूँ, क्या कम है!!


जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं क्या
समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ
गम छुपा के हंसने वाले भी इस दुनिया मे कम नहीं…!!


कभी खुशियों की चाह में रुलाती है ,
कभी दुखों की पनाह में रुलाती है ,
अजीब सिलसिला है ज़िन्दगी का ,
कभी इंतज़ार करके रुलाती है ,
और दिल तब टूट जाता है जब ऐतबार करके रुलाती है..


तुम्हारा पता नहीं लेकिन हमारा मन कभी तैयार नहीं होगा,
एक तुम्हारे सिवा किसी और से अब कभी हमें प्यार नहीं होगा।


हम ति हस्ते है लोगो को हँसाने की खातिर वरना
दिल मैं इतने जख्म है के रोया भी नहीं जाता


न जाने कब अनजाने में हमने आपको रुला दिया,
लेकिन आपने तो ज़माने के कहने पर हमें भूल दिया,
ऐ वेबफा हम तो वैसे ही जमाने मे अकेले थे,
तो क्या हुआ हमे आपने इस बात का एहसास दिला दिया।


तुमने तो कह दिया कि मोहब्बत नहीं मिली,
मुझको तो ये कहने की भी मोहलत नहीं मिली,
तुझको तो खैर शहर के लोगों का खौफ था,
और मुझको अपने घर से इजाज़त नहीं मिली।


साजन तुमने दगा दिआ,
क्या हाल कहे हम गैरो का ||
जब अपनों ने हमे बर्बाद किआ,
तब क्या हाल कहे हम गैरो का ||


उनको लगी खरोंच का पता पूरे
शहर को है *हमारे गहरे जख्म की
कहीं चर्चा तक नहीं


खुश रहना तो हमने भी सिख लिया था, उनके बग़ैर।
मुद्दत बाद उन्होंने हाल पूछ के फिर बहाल कर दिया।


चलो मत छोड़ना ये डोर…… थामे रहना यूँ ही, मैं इंतजार कर लूँगी…… एक जन्म तन्हा और सही….!!


अजीब सा जहर है तेरी यादों मै,
मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…….!!!


रहता तो नशा तेरी यादों का ही है,
कोई पूछे तो कह देता हूँ पी राखी है।


गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं…!!


प्यार की काली सबके लिए खिलती नहीं,
हर दुआ सबकी कबूल होती नहीं ,
प्यार मिलता है किस्मत वालों को ,
पर सबकी किस्मत ऐसी होती नहीं।।


बहुत कुछ है इस दिल में उन्हें सुनाने के लिए,
लेकिन वो हैं कि आते ही नहीं हमें मनाने के लिए।


मेरी क्या ख़ता है तू मुझे सजा देदे,
क्यों तेरे अंदर इतना दर्द है इसकी तू वजह देदे,
कुछ देर हो गयी तुझे याद करने में मुझसे,
लेकिन मुझे छोड़ कर न जाने का इशारा देदे।


ज़िन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफ़ा न दी
जख्म दिए सबने पर किसी ने वफ़ा न दी


तुमने कहा था आँखें भर के देखा करो मुझे,
अब आँख तो भर आती है पर तुम नहीं दिखते।


उनकी चर्चा हर शाम होती है,
बात बात में बात निकल आती है ||
ख्यालात पेश करता हु महफ़िल में,
महफ़िल में उनकी बात निकल आती है ||


जहर में इतना जहर नहीं होगा.
जितना कुछ लोग दूसरों के लिए
अपने दिल पर रखते हैं।


जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये…


दिल तो हमारा ओ आज भी बहला देते है।
फ़र्क़ है तो सिर्फ़ इतना, पहले हसा देते थे, अब रुला देते है।


तुम दर्द होकर भी, कितने अच्छे लगते हो खुदा जाने तुम, हमदर्द होते तो क्या होता👩❤️👨…!!


नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि……!!!


कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर,
एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था…


ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं…!!


मन कपडा नहीं फिर भी मैला हो जाता है ,
दिल कांच नहीं फिर भी टूट जाट है,
अजीब दस्तूर है ज़िन्दगी का,
रूठ कोई जाता है , टूट कोई जाता है..


एक खुवाहिश है के कोई जखम न देख ले
एक ये हरसत है के कोई देखने वाला होता


हम आपको याद न कर पाएं तो माफ़ करने की कोशिश करना,
हमसे कोई गलती हो जाये तो माफ करने की कोशिश करना,
हम आपको वैसे तो कभी भूला नही पाएंगे,
लेकिन सांसें थम जाएं तो माफ करने की कोशिश करना।


अब क्यूँ तकलीफ होती है तुम्हें इस बेरुखी से,
तुम्हीं ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं।


वो इश्क ही क्या, जो “इश्क” ज़िन्दगी बर्बाद न कर दे, मरा भी “न” जाये, जिया भी न जाये, ऐसे हालात न कर दे।


यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझको,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे।


हो गई आप के परदे पे हया भी कुर्बान
पर्दा दरी भी है और दावत दीदार भी


गलतफहमी का एक लम्हा भी दिलो के बीच होता है,
तो खुशियो के सौ लम्हे भी तोड़ दिया करता है।


छोड दो तन्हाई मे मुझको यारो..
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे….
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी
मेरी तरह तुम भी पछताओगे…


उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूँ मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगू,
लेकिन कभी मैं खुद को तन्हा नहीं मिला।


कोई पूछता है मुझसे मेरी ज़िन्दगी की कीमत
मुझे याद आ जाता है तेरा हसीं चहेरा


आज फिर दिल से मेरे सदा आयी है,
आज फिर दिल को तेरी बफा याद आयी है,
हम तो बहा चुके अश्कों के समुंदर तेरे इश्क़ में,
तो क्यों आज फिर चाहत ने ली अंगड़ाई है।


भूल पाना मुझे इतना आसान तो नहीं है,
बातों-बातों में ही बातों से निकल आऊंगा।


ज़िन्दगी जब भी किसी साये की तलब करती है
मेरे होंटों पर तेरा नाम मचल जाता है


तू ये मत सोचना तुझसे जुदा हो के हम सुकून से सोते हैं,
तुझे क्या पता तेरी तस्वीर को रखके हम कितना रोते हैं।


अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ


कुछ इतने दिए हसरत-ए-दीदार ने धोखे,
वो सामने बैठे हैं यकीन हम को नहीं है।


आज में ने तलाश किया उसे अपने आप में
वो मुझे हर जगह मिला मेरी तकदीर के सिवा


तू मुझे क्यों इतना याद आता है,
तू मुझे क्यों इतना तड़पाता है,
माना के ज़िन्दगी है सिर्फ तेरे लिए,
फिर मुझे तू क्यों इतना रुलाता है।


जो लोग एक तरफा प्यार करते है
अपनी ज़िन्दगी को खुद बर्बाद करते है !
नहीं मिलता बिना नसीब के कुछ भी,
फिर भी लोग खुद पर अत्याचार करते है !!


नसीब बनकर कोई ज़िन्दगी में आता है,
फिर ख्वाब बनकर आँखों में समा जाता है,
यकीन दिलाता है कि वो हमारा ही है,
फिर न जाने क्यूँ वक़्त के साथ बदल जाता है।


कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में
हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है


कितनी आसानी से कह दिया तुमने,
की बस अब तुम मुझे भूल जाओ !
साफ साफ लफ्जो मे कह दिया होता,
की बहुत जी लिये, अब तुम मर जाओ !


चमन में रहने वालों से तो हम सहरा-नशीं अच्छे,
बहार आके चली जाती है वीरानी नहीं जाती।


पीते थे शराब हम उसने छुड़ा दी अपनी कसम दे कर
महफ़िल ममें गए थे हम यारों ने पिलादी उसकी कसम दे कर


तुम बहते पानी से हो हर शक्ल में ढल जाते हो,
मैं रेत सा हूँ मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते।


शक होता है जिनको अपने मर्द होने पर
शायद वो ही मासूमों पर मर्दानगी आजमाते हैं।


अब से सावन में सब का हिसाब कर दूंगा
जिसका जो बाकी है में वो हिसाब कर दूंगा
और मुझको इस गिलास में ही क़ैद रखना वरना
पुरे शहर का पानी से सह्राब कर दूंगा


कभी किसी को पाने के लिए दिल से मत सोचना,
रात की तन्हाईयो में अपने दिल को मत कचोटना,
यादें तो बहुत आएंगी उस वेबफा की,
लेकिन बस एक ज़िन्दगी में ही इन्हें समेटना।


रगों में लहू बहता है मेरे पानी नहीं
ऐसा तो कोई नहीं जिसकी कोई कहानी नहीं

वो सबूत मांगता है उन्ही लम्हों का अक्सर
जिनकी यादें तो है मगर निशानी नहीं

ले लो मज़ा तुम भी इस मोहब्बत का
नई नई है अभी ज्यादा पुरानी नहीं

दबोच लो इस ज़िन्दगी को जैसे मछली हो कोई
गर फिसल गई ये तो फिर हाथ आनी नहीं ।


अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से,
नजर पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से,
वो और था जिसे तू जानता था बरसों से,
मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।


जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क,
और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़।


ये इश्क वो मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं जिस को उसे खोना भी नहीं है
लिप्त है मेरे दिल से किसी खुवाब की सूरत
वो शख्स को मेरा होना भी नहीं है


इश्क में हमने तो दर्द से हाथ मिला लिया,
हर गम को आंखों में छुपा लिया,
उसने तो बस हमसे रोशनी की ख्वाहिश की,
इसलिए हमने तो अपने दिल को जला लिया।


ज्यादा देर यूँ एक जगह नहीं रूकता हूँ मैं
बंजारों का कभी कोई ठिकाना हुआ है क्या

दीवानों की बातें भला कोई समझे तो कैसे
दीवानों का कभी कोई दीवाना हुआ है क्या


मैं शिकवा करूँ भी तो किस से करूँ,
अपना ही मुक़द्दर है अपनी ही लकीरें हैं।


टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।


ये ना पूछ के शिकायेतें कितनी है तुम से
तो बता तेरा कोई और सितम बाकी तो नाही


फूलों में भी काटें होते हैं,
क्यों मोहब्बत करने वाले रोते हैं,
ज़िन्दगी भर तड़पते है इश्क करने वाले,
और तड़पाने वाले चैन से सोते हैं।


यकीन जब कभी खुद टूटने लगता है
साथ मेरा ही मुझसे फिर छूटने लगता है

हद से ज्यादा तकलीफ होती है तब
जब अंदर ही अंदर ज़ख्म फूटने लगता है

बहुत रोता है ये दिल चीख चीख कर
कोई अपना मेरा जब मुझे लूटने लगता है

कुछ इस तरह टूटने लगा हूँ मैं आजकल
जैसे शीशा कोई खुद ब खुद टूटने लगता है ।


ज़माना खड़ा है हाथों में पत्थर लेकर,
कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।


दिल अधूरी सी कहानियों का अंत ढूंढता रहा,
और वो कोरा पन्ना मुझे देर तक घूरता रहा।


अगर तेरा अंदाज़ मोहब्बत देख ले कोई
रहा ना जाये उस से तेरी हसरत के बिगैर


इश्क में मेरा दिल टूटा और ख्वाब बिखर गए,
दर्द मिला इतना के हम ज़ख्मों से निखर गए।


नहीं मालूम तुम्हें के चाहत क्या होती है
दर्द-ए-दिल के लिए राहत क्या होती है

टूटेगा जब दिल अपना, मालूम होगा तुम्हें भी
के दिल तोड़ने की हिमाकत क्या होती है

नहीं जानते वो भी, चाहत के जिन्होंने दावे किए
हद से ज्यादा किसी की चाहत क्या होती है

आशिक बनो हाँ कभी, तुम भी हमारी तरह कोई
पता चलेगा तब कहीं के मोहब्बत क्या होती है।


किस फिक्र किस ख्याल में खोया हुआ सा है,
दिल आज तेरी याद को भूला हुआ सा है,
गुलशन में इस तरह कब आई थी बहार
हर फूल अपनी शाख से टूटा हुआ सा है।


कभी मैं तो कभी ये बात बदल रही है,
कमबख्त नींद से मेरी लड़ाई चल रही है।


महेरबान बनके मिलो हो महेरबान बने रहेना
हमारी याद में रहेना चाहे जहाँ रहेना


उनके गम में मेरी आँखें नम हो जाती हैं,
लेकिन फिर भी होटों पे हंसी लानी पड़ती है,
मोहब्बत तो हमने बस एक से की थी,
लेकिन ये मोहब्बत जमाने से छुपानी पड़ती है।


है नादान वो कुछ समझते नहीं
दिन है या रात, का फर्क जानते नहीं
अगर जाऊ पास भी तो डर जाते है
दर्द नहीं दवा हु मैं ये समझते नहीं


तू रूठकर गया है तो मत आ के मुझसे मिल,
मंज़र तेरी शिकस्त का मुझसे देखा न जाएगा।


अधूरा ही रह जाता है हर अल्फाज,
मेरी शायरी का तेरे अहसास की खुश्बू के बिना।


वो शक्स नज़र आये कभी तो उसे इतना कहेना
जिन को आदि कर दिया है अपना वो लोग बहुत याद करते है तुम्हें


दर्द भी अपनी अदा में है इस वक्त,
लगता है वो हम पे फिदा है इस वक्त।


ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ
दर्द ही दर्द है, सुबह- शाम इसलिए चुप हूँ।
कह दु ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आया तेरा नाम इसलिए चुप हूँ।


कैसे छिपाऊँ मैं मेरे दर्द को, दिल का इस पर पहरा हैं|
दर्द और मेरी ज़िन्दगी का रिश्ता, बहुत ही गहरा हैं |


रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी।


एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये,
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही।


जो तार से निकली है वो धून सब ने सुनी
जो साज़ पे गुजरी है- वो किस को पता है


तुमसे जुदा होके ऐसा लगता है ज़िन्दगी ये मेरी सज़ा है,
बस मुझे ऐसा लगता है मेरी सासें ही मुझ से अब खफा हैं।


बिछड गया …
बिछड गया कोई हमसे अपना

करीबी वक्त की मार में
कोई हो गया अंजान हमसे
किसमत की इस चाल में

टूट कर बिखर गये अरमान मेरे
इस कदर
फिर टूट गया मेरे इस दिल का भी सबर

बिछड गया कोई हमसे अपना
पहली दफह किसी को इतना चाह था मैनें
उसे फिर अपना खुदा माना था मैंने

वो मेरे ख्यालों में जीया करता था
मेरे हर साँस की एक वजह वो भी हुआ करता था

बिछड गया कोई हमसे अपना

उसे इज्हार कर हमने अपनी मुहब्बत का इहसास कराया था
खामौशी में उसने भी फिर प्यार जताया था

मैं उम्मीदों को जिंदा रख जीने लगा था
उसके हर दुख को अपना समझ पीने लगा था

बिछड गया कोई हमसे अपना

वो दुखी सा होकर हम्हें इंकार करता था
वजह अंजान थी क्योकि हर बार करता था

मैं उसे सच्ची मुहब्बत करने लगा
उसके हाँ के इतजार में जीने लगा

बिछड गया कोई हमसे अपना

सब कुछ अच्छा चल रहा था
उसे भी है अब प्यार एसा लग रहा था

फिर अचानक इक भवंडर आया
मेरी जीवन में तूफान ले आया

बिछड गया कोई हमसे अपना

उसके अतीत का इक पन्ना आज उसका आज बनकर आया
मेरे दिल में हलचल मची फिर उसने मुझे बहुत रूलाया

टूट गया मैं अपनी क़मुहब्बत को संजोता – संजोता इस कदर…
देख ना सका अपना बुरा भी हर डगर

बिछड गया कोई हमसे अपना

फिर उसकी खुशी के लिए फिका सा मैं भी हंस दिया
हर अरमान मैंने अपना जिंदा दफन फिर मैनें कर लिया

आज वो दूर है मुझसे ए सच है
मुझे प्यार आज भी है उस्से ए भी सच है

उस उपर वाले की मर्जी नें मुझे अलग कर दिया
वो अलग हुआ पर मुझे पत्थर दिल कर दिया

बिछड गया कोई हमसे अपना …


बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे, तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में।


टूटे हुए दिलो की जरुरत बहुत हैं
वरना महफ़िल में रंग जमायेगा कौन
जब टूटेगा ही नहीं दिल किसी का
तो मयखाने में पीने आएगा कौन

मयखाने वाले की दुआ हैं जो क़ुबूल हो जाती हैं
और यहाँ हम सोचते हैं की
क्यों वो हमसे अक्सर रूठ जाती हैं


न किसी के दिल की हूँ आरजू,
न किसी नजर की हूँ जुस्तजू,
मैं वो फूल हूँ जो उदास है,
न बहार आए तो क्या करूँ।


इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे,
तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं।


बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम
रोता वो भी होगा नज़रें चुरा चुरा कर


ठुकरा गए वो मेरा बुरा वक्त देख कर,
ऐसा दिन बनाऊंगा मिलना पड़ेगा मुझसे वक्त लेकर।


ज़िन्दगी ने कितना मजबूर कर दिया।
लोग मांगते है ज़िन्दगी और हमें मौत से भी दूर कर दिया।
क्यों इतना सितम किया हम पर।
अपने दिल से न जोड़ते तुम
गम नही था हमें।
पर तुमने अपनी नफ़रत से भी दूर कर दिया।


दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया ..


सदीयो से जागी आँखो को, एक बार सुलाने आ जाओ,
माना की तुमको प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाऔ
जिस मोङ पे हमको छोङ गये, हम बैठे अब तक सोच रहे
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ!


बारिश में भीगने के ज़माने गुजर गए,
वो शख्स मेरा शौक चुरा कर चला गया।


जिसका ये ऐलान है कि वो मज़े में है,
या तो वो फ़कीर है या फिर नशे में है।


बंसिरी से सीख ले ए ज़िन्दगी सबक जीने का
कितने छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती रहेती है


हमारी खुशियों में वो शामिल होतें हैं ,
जिसे हम चाहतें हैं,
लेकिन हमारे दुःखों में वो शामिल होतें है,
जो हमे चाहते है।


तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।


मेरे पॅल्को मे भरे आँसू उन्हे पानी सा लगता है हमारा टूट कर चाहना उन्हे नादानी सा लगता है…!


दिन गुजर जाते हैं, और हसरते रह जाती हैं..
यार हो जाते हैं जुदा, और आहठे रह जाती हैं

वफाये बिकती हैं यहाँ, नीलाम होते हैं वादे
घर की देहलीज़ पर बस उल्फ़ते रह जाती हैं

प्यार के नाम पर करते हैं फरेब, कुछ लोग
मोहब्बते मिट जाती हैं, नफरते रह जाती हैं

बिछड़ के भी नहीं जाती महक प्यार की कभी
कसक दिल में, बिस्तर में सलवटे रह जाती हैं

ज़िन्दगी से रूठ जाती हैं हर ख़ुशी
उम्र भर बेचैनी भरी कुछ करवटे रह जाती हैं|


ये इश्क़ जिसके कहर से डरता है ज़माना,
कमबख्त मेरे सब्र के टुकड़ों पे पला है।


महफ़िल में कई शायर है तो सुनाओ,
हमे वो शायरी जो दिल के आर पार हो जाये।


मोहब्बत वो हसीं गुनाह है जो मैंने तुझसे ख़ुशी से किया है
पर मोहब्बत में इंतज़ार वो सजा है सिर्फ इंतज़ार सिर्फ इंतज़ार सिर्फ इंतज़ार किया है


अरमानों के रंग बदले कई अर्से हो गए,
ऐसा लगता है तेरे लिए हम पुराने हो गए।


तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो बेवफा लोगों की दुनिया है,
तुम अगर भूल भी जाओ तो रिवायत होगी।


दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!


तेरी याद मुझे क्यों तनहा कर जाती हैं
पल पल टूटने के लिए मजबूर कर जाती हैं

रोता हूँ बहुत मैं तो गिड़गिड़ाता भी हूँ
अपने झख्मो पर मरहम लगता भी हूँ

फिर भी क्यों ये एहसास बार बार दे जाती हैं
तेरी याद मुझे क्यों तनहा कर जाती हैं


बहुत लहरों को पकड़ा डूबने वाले के हाथों ने,
यही बस एक दरिया का नजारा याद रहता है,
मैं किस तेजी से ज़िंदा हूँ मैं ये भूल जाता हूँ,
नहीं आना इस दुनिया में दोबारा याद रहता है।

Conclusion

As we conclude this touching collection of 291 Sad Shayari, we bid farewell to a journey filled with emotions and heartache. These verses have allowed us to explore the depths of sorrow, pain, and longing that touch the human heart.

Sad Shayari connects us through shared experiences and offers solace during difficult times. As we wrap up this emotional odyssey, may the essence of these verses continue to remind us of the beauty and fragility of human emotions, fostering empathy and understanding towards ourselves and others.