271 Sad Shayari

sad-shayari

Enter the world of emotions and profound reflections with our vast collection of 271 Sad Shayari. Life is a journey filled with a myriad of emotions, and within this poignant compilation, you will discover verses that beautifully express the depths of pain, heartache, and longing.

Sad Shayari is a powerful form of poetry that delves into the human soul, providing an outlet to release emotions and find solace in shared experiences.

Whether you seek to find comfort in shared feelings, articulate your own grief, or simply explore the complexities of human emotions, these verses will resonate deeply with the tenderest corners of your heart.

ए काजल तुम्हारे शहर का मौसम बरा सुहाना लगे,,
मैं एक शाम चुरा लूं अगर तुझे बुरा ना लगे,,


बदल जाओ वक्त के साथ
या फिर वक्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मत कोसो
हर हाल में चलना सीखो


एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।


जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना,
क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।


तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,
मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।


!! दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई क क्यो देगा.
मुफ्त का तो यहां कफ़न भी नहीं मिलता,
तो बिना गम के कोई प्यार क्यों देगा !!


कोशिश तो बहुत की पलकों ने रोकने की, मगर इश्क में पागल थे आँसू, ख़ुदकुशी करते चले गए


लिख दूँ तो लफज़ तुम हो ,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो ,
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो


किसी से नाराज़गी रखना गलत बात है
मगर ज़रा सोचो ये भी तो एक जज़्बात है
ज़िन्दगी के बारे में बस इतना जान लो तुम
ख़्वाबों से हक़ीक़त की यह मुलाकात है
किसी शायर की आँखों में देखो तो पता चले
तन्हा तन्हा ये दिन, तन्हा तन्हा ये रात है।


दिल का रिश्ता
जिस्म से नहीं
दिल से निभाया जाता है


!! हमारी हर खुशी का ऐहसास तुम्हारा हो,
तुम्हारे हर गम का दर्द हमारा हो,
मर भी जाए तो हमे कोई गम नही,
बस आखिरी वक़्त साथ तुम्हारा हो !!


कुछ लोग आये थे मेरा गम बाटने के लिए मुझे खुश देखा तो नाराज होकर चल दिये


नशा था उनके प्यार का , जिसमें हम खो गए ,
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए


मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना,
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,
हम तेरी खुशी के लिए कफन ओढ़ लेंगे
पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!


आपके ससो में अपना जान फनाह करदु
आपके होठों को चूम के ये पूरी जिंदगी
आपको नाम कर दू


!! अपना बनाकर फिर कुछ दिनों में बेगाना बना दिया,
भर गया दिल हमसे ओर मजबूरी का बहाना बना दिया !!


मोहब्बत तब ही करो अगर निभा सको मोहब्बत बाद में मजबुरियों का सहारा लेकर किसी,को छोड़ देना वफ़ादारी नहीं होती…!!!!!


मुझसे नफरत करके भी खुश ना रह पाओगे,
मुझसे दूर जाकर भी पास ही पाओगे ,
प्यार में दिमाग पर नहीं दिल पर ऐतबार करके देखिये ,
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे।


हद ना थी उसकी मोहब्बत की मेरे खातिर,
आज उन्हें मोहब्बत के नाम से नफरत है,
क्या मंजर पेश आया होगा मेरे सनम के साथ,
के आज उन्हें हमसे इस कदर नफरत है…
कभी वो दूर जाने की बात से भी डरते थे
आज उन्हें हमारे करीब आने से नफरत है,
कभी याद करते थे तो खाना पीना भूल जाते थे,
आज उन्हें हमारी यादो से भी नफरत है….
क्या मंजर पेश आया होगा मेरे सनम के साथ,
के आज उन्हें हमसे इस कदर नफरत है…


हम ने जिसे अपना कहा
औ बेवफा होगए
हम जिसे जान कहते थे
ओहि हमसे जुदा होगए


तन्हाई में भी एक अजीब सा सुकून है,
न किसी से दिल लगने का खौफ,
न दिल के टूट जाने का डर!


आप की नाराजगी, जायज है…
आज कल मैं भी, खुद से खफा हूँ!


आप ने मेरी मोहब्बत और तड़प दोनों देख लिया,
अब आप मेरा सबर भी देख लो,
मैं इतना खामोश हो जाऊँगी की,
अप्प तड़प उठोगे.


वो एक पल ही काफी है… जिसमे तुम शामिल हो,
उस पल से ज्यादा तो ज़िंदगी की ख्वाहिश ही नहीं मुझे।


सोचा था भरेंगे अपना दर्द उनको मगर,
उन्होंने इतना भी न पोचा के खामोश क्यों हो.


वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रखा है,
वरना मोहब्बत इतनी भी हसीँ नही होती।


वो मेरा था इसी बात की ग़लतफहमी रही उम्र भर मुझको!
मगर ये सच है, मैं कल भी उसका था और आज भी उसी का हुन…


मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी


न जाने ये मोहब्बत भी अजीब बला का नाम है,
जो शख्स रुलाता है, उसी से गले लग कर रोने को जी चाहता है.


लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया,
ये ग़म भी था कोई डाकिया ज़िद्दी सा।


आज तुम्हे फुरसत नहीं, मेरा हाल पूछने की!
कल को तुम सब से पोचोगी, उसे क्या हुआ था…


मेरे सब्र की इन्तेहाँ क्या पूछते हो ‘फ़राज़’
वो मेरे सामने रो रहा है किसी और के लिए


उसने भी मोहब्बत का अजीब खेल खेला,
न अपना बनाया, न किसी और का होने दिया.


मेरी हर शायरी मेरे दर्द को करेगी बंया ए गम
तुम्हारी आँख ना भर जाएँ, कहीं पढ़ते पढ़ते।


मेरे टूटे दिल का दर्द किसी ने नहीं देखा
देखा है तो बस खुदा ने मुझे तड़पते देखा है
तन्हाई में हम बैठे रहते रहते हैं
और लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है


शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है साहब,
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते।


ज़िन्दगी तो हमें भी बहुत प्यारी है लेकिन
न जाने क्यों ऐसा लगता है की
तेरे बिन ये हमारी… नहीं है


परवाह करने की आदत ने तो परेशां कर दिया,
गर बेपरवाह होते तो सुकून-ए-ज़िंदगी में होते।


सिमट गया मेरी मोहबत का अफसाना, चंद लफ्जों में,
जब उसने कहा, मोहबत तो है पर तुमसे नहीं… किसी और से.


बिखर जाते हैं….. सर से पाँव तक, वो लोग…
जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह इश्क करते है।


सोचती थी मर जाऊँगी तेरे बगैर…
देखो तुमने, अकेले जीना भी सिखा दिया!


मेरा दर्द मेरी तकलीफ, क्यों नहीं मेहसूस करता अब वो शख्स,
जो कहा करता था, बहुत अच्छे से जानता हूँ मैं तुम्हे.


वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,
काश… मैं भी किसी शाम का मंज़र होता


अब तो आँखें भर आई हैं आसमान देखते देखते…
पर कोई तारा नहीं टूटा, जिसे देख कर तुझे मांगना था!


एक तुम ही मिल जाते बस इतना काफ़ी था,
सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।


बेवफाओं की गिनती दिन ब दिन बढ़ रही है…
एक पूरा शहर अब इनका होना चाहिए!


वो ज़हर देता तो दुनिया की नजरों में आ जाता,
सो उसने यूँ किया कि वक़्त पे दवा न दी।


सब सितारे दिलासा देते हैं
चाँद रातों को चीख़ता है बोहत


एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।


कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जैन जिधार जैन


हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है।


यह शुकर है के मेरे पास तेरा गम तोए रहा
वगरना ज़िन्दगी भर को रुला दिया होता


वो आज फिर से मिले अजनबी बनकर,
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।


वह कारवां वह रास्ते वही ज़िनदगी वही मरहले…
मगर अपने अपने मुकाम पर…
कभी तुम नहीं कभी हम नहीं!!!


मेरी शायरी को लोग इतनी सिद्दत से पढते हैं,
जैसे इन सबने भी किसी अजनबी से मोहब्बत की हो।


सुना है वो मुझे भुल चुकी है,
और तो कुछ नहीं बस, उसकी हिंम्मत की दाद देता हूँ।


मोहब्बत की मिसाल कुछ ऐसे है…
पूरी उम्र सजा है… किसी बेगुनाह के लिए!


मोहब्बत ही लोगों को पागल कर देती है,
कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते…


बहाना क्यों बनाते हो नाराज होने का
कह क्यों नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए।


तोड़ देती है ये बात मुझे हर रोज…
कोई भूल रहा है मुझे धीरे धीरे!


अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो ‘शायर’।


इश्क़ में कौन बता सकता है
किस ने किस से सच बोला है


अजीब है महोब्बत का खेल,
जा मुझे नही खेलना,
रूठ कोई और जाता है
टूट कोई और जाता है।


रात कटती रही आरज़ू में…
दिल फरयाद करता रहा…
कोई बे-सबर रोता रहा और…
कोई बे-खबर सोता रहा!!!


कल रात उदासी का ये आलम था…
उसकी यादों ने मेरी आँखों को सोने न दिया!


इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी है,
तुम बिछड गए हम बिख़र गए,
तुम मिले नहीं और…
हम किसी और के हुए नही।


क़त्ल हुआ हमारा कुछ यूँ किस्तों में…
कभी खंजर बदले गए,
कभी कातिल बदले गए.


कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने ।


ज़िन्दगी भर अपनी किस्मत से बस यही गिला रहेगा…
जिसे हमने पल-पल चाहा,
उसी शख्स को हम पल-पल तरसे!


सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.


तेरे जाने के बाद मेरा ये आलम है की!!!
दर्द मुझे खुद ढूंढ लेता है रोज किसी नए बहाने से,
अब तो वो वाकिफ हो चुका है, मेरे हर ठिकाने से.


दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल होजाएंगे ऐसा लगता है


मैं रोना चाहता हूँ खूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं


मेरे इश्क़ की तलब ऐसी है की,
अपनी साँसों में समा लूँ तुझ को,
मेरी किस्मत ने इतना मजबूर कर दिया की,
देखने को भी मोहताज हूँ तुझ को!!!


मुझ से नफरत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाये


दुआ करना हमारा दम भी उसी तरह निकले…
जिस तरह तुम्हारे दिल से हम निकले!!!


किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया मैं
मेरे नसीब में तुम भी नहीं खुदा भी नहीं


मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे,
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं!!!


तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ
छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ


उस ने पूछा था क्या हाल है,
और मैं सोचता रह गया.


आंसू छुपा रहा हूँ तुमसे
दर्द बताना नहीं आता
बैठे बैठे भीग जाती है पलकें
दर्द छुपाना नहीं आता


मेरा क्या है!
मैं तो शायद रेह ही लूं तुझसे बिछड़ कर तनहा,
बस सोचता हूँ इस दिल का क्या करूं,
कहीं ये धडकना न छोड़ दे…


देख कर हमें जब उन्हों ने मुंह मोड़ लिया,
न जाने एक तसल्ली हो गयी की,
चलो वो पहचानते तो हैं!


न दर्द हुआ काम, न शराब सहारा बनी…
न लौट के वापिस वो आये, न मोहब्बत दोबारा हुई!


चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया


टूटा दिल और फरियादी आँखें तरस गई है,
किसी को देखे एक अरसा हो गया.


अब तो तरस आता है मुझे अपनी नाजुक पलकों पर…
जो दर्द में भीग कर कहती हैं कि,
अब रोया नहीं जाता.


तुझे मेरे बाहों में रहने कि इजाजत हैं।
आजकल पल पल कुछ भि कहने कि इजाजत हैं ।
तुम तो इजाजत हो मेरी जिंदगी कि,
तेरी हर खुशी मेरे लिये एक इबादत है ।
Facebook


सजा ये है मेरी की बंजर जमीन हूँ मैं,
और इन्तहा ये होगई की बारिशों से इश्क़ कर बैठे…


गुजारिश हमारी वह मान न सके
मज़बूरी हमारी वह जान न सके
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे
जीते जी जो हमें पहचान न सके


ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया


चला गया वो भी वक़्त की तरह…
कुछ निशानियां छोड़ कर,
कुछ कहानियां छोड़ कर.


तुम्हे शिकायत है की मुझे बदल दिया वक़्त ने
खुद से पूछो, क्या तुम वही हो


सुना है बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में
ज्यादा भीगना मत
अगर धूल गई सारी गलतफहमियां
तो बहुत याद आयेंगे हम !!


तुम क्या जानो अपने आप से कितना…
मैं शर्मिंदा हूँ!
छूट गया है साथ तुम्हारा…
और अभी तक ज़िंदा हूँ!


हाय उसे खबर नहीं होती
मैं जब जब तड़पता हूँ उसके लिए


ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ
चलो आओ फिर से फिर से वही इश्क़ ले आओ


आज मैंने एक टूटा तारा देखा,
वो बिलकुल मेरे जैसा था,
उस टूटे तारे को देख कर चाँद ने अनदेखा कर दिया,
वो चाँद बिलकुल तेरे जैसा था!


मुझसे किये गए वादे जब
वो किसी और से करता होगा
हाय वो मुझे याद तो करता होगा


तुझे अपनाऊ तो मुझसे जमाना रूठ जाता है
और मोहब्बत पढ़ने लिखने में बहुत आसान है
पर उसे निभाने में पसीना छुट जाता है


किसी को टूट कर चाहना और फिर टूट जाना,
बात सुनने में तो छोटी है,
मगर जान निकल जाती है!


हमसे ज़िन्दगी की हकीकत न पूछो वसी
बहोत खुलूस लोग थे जो तनहा कर गए


बस एक तुमको ही खो देना बाकि था
इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था


टूटा हुआ दिल भी धड़कता है उम्र भर,
वो चाहे किसी की याद में धड़के या किसी की फ़रियाद में!


अब डर नहीं लगता कुछ खोने को
मैने ज़िन्दगी में ज़िन्दगी को खोया है


मुद्दतें हो गई हिसाब किये
क्या पता कितने रह गए हम


टूटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।


वो जिसने हिरान्झा की जान ली
मर्ज़ हमें भी वही है साहब


ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं।


अच्छा है आंसुओं का कोई रंग नहीं होता…
वरना हर सुबह, तकिये रात का हाल बयां कर देते!


शोक मनाओ साहब
अब हम तुम्हारे नहीं रहे


वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे,
मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है,
की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों


मोहब्बत नहीं रही अब इस जमाने में,
लोग मोहब्बत के नाम पर मजाक करते हैं.


बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में,
कभी बादलो से तो कभी आँखों से.


बेवजह छोड़ गए हो
बस इतना बताओ सुकून मिला की नहीं


कोई ताबीर नहीं थी जिसमें
हमने वो ख़्वाब मुसलसल देखा


आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा

कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा

पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला

मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा


दुनिया की भीड़ से ज़रा दूर हुए तो पता चला की,
हर वो शख्स अकेला है जिसने मोहब्बत की है.


यूँ न कहो कि क़िस्मत की बात है
मेरी तन्हाई में कुछ तुम्हारा भी हाथ है


वो छोड़ के गए हमें,
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं,
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी.


हमें तो वजह पूछने का मौका भी न मिला,
बस लम्हे गुजारते गए और वो अजनबी होते गए.


मुझे फुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं
मै तेरी ज़ात से निकलूं तो ज़माना देखूं


सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया|


भरोसा जितना कीमती होता है धोखा उतना ही महँगा हो जाता है।


अपनी हालत का खुद एहसास नहीं है मुझ को,
मैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं.


अल्फ़ाज़ सिर्फ चुभते हैं
खामोशियां मार देते हैं


किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता|


क्या बात है,
बड़े चुपचाप से बैठे हो.
कोई बात दिल पे लगी है
या दिल कही लगा बैठे हो…


छोड़ दिया उसने हमें भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा न जलने के.


इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ
हम तो पूरे बर्बाद हुए


क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो.
कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो.


तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”


जिस चिराग से मुझे प्यार था…
उसी ने मेरा सब कुछ जला दिया!


लगता है इस बादल का भी दिल टूटा है
बोलता कुछ भी नहीं बस रोये जा रहा है


तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा


तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त
क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं
कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ
कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।


प्यार की भी अजीब साजिश है,
तोर भी देता है और टूटने भी नहीं देता.


मुझे मुर्दा समझकर रोले
अब अगर मै ज़िंदह हूँ
तो तेरे लिए नहीं हूँ


मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ…..
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !


आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा


मत पूछो मुझसे की क्या ग़म है,
तेरी बेवाफ़ाई के बाद भी ज़िंदा हूँ,
ये क्या कम है!


चेहरों को बेनक़ाब करने में
ए बुरे वक़्त तेरा हज़ार बार शुक्रिया


तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे ।
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ


मेरी मौत के सबब आप बने
इस दिल के रब आप बने
पहले मिसाल थे वफ़ा की
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।


आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहो में बारहा रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया


नशा हर वक़्त तेरी यादों का ही होता है…
कोई पूछे तो कह देता हूँ के पी रखी है!


तेरे बाद मैंने मोहब्बत को
जब भी लिखा गुनाह लिखा


रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की ,
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !!


अगर कभी फुर्सत मिले तो,
यह सोचना जरूर,
मुझ जैसा आवारा लड़का,
क्यों तेरी इतनी परवा करता था!!!


वक़्त से पहले बहोत हादसों से लड़ा हूँ
मै अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ


आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ


एक इंसान मिला जो जीना सिखा गया
आंसुओं की नमी को पीना सिखा गया
कभी गुज़रती थी वीरानों में ज़िंदगी
वो शख्स वीरानों में महफ़िल सजा गया।


तेरे दिल से मेरे दिल का,
रिश्ता भी बड़ा अजीब है,
दूरिया मिलो की है,
फिर भी धड़कने करीब है…


जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।


पाया था तुझे मैंने शायद खोने के लिए,
घटना ही था घटना को हादसा बनने के लिए,
नहीं समझा कभी भी उसने दिल को मेरे क्योंकि,
बस खेलना था उसको दिल से मेरे कुछ वक़्त के लिए.


आंसू छुपा रहा हूँ तुमसे,
दर्द बताना नहीं आता,
बैठे बैठे भीग जाती है पलकें,
दर्द छुपाना नहीं आता.


तू किसी और को मयस्सर है
इससे बढ़कर सजा क्या होगी


वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
बहुत उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी।


बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे,
इक शहर अब इनका भी होना चाहिए…


चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।


अजीब सा जहर है तेरी यादों मै,
मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…!!


ऐ वेबफा बता तुझे क्या मिला हमसे खफ़ा होकर,
सुना है तू भी तन्हा है हमसे जुदा हो कर।


यारो हम तो उसके ही गम में अंदर से बिखर गए,
यारो सच तो यही है कि बस हम तो मर गए।


गम में वही शख़्स रोता है,
जो अपने बेहद करीबी को खोता है।


बहते अश्कों की ज़ुबान नही होती,
मोहब्बत करना आसान नही होती,
मिलजाए इश्क तो कदर करना क्योंकि,
किस्मत हर वक्त महरबान नही होती।


क्या हुए वो तेरे वादे जो तूने हमपे थे लादे,
अब हमपे न ये सितम करो थोड़ा सा तो रहम करो,
पहले तूने हमको रुलाया अब कहता है हमे भुलादे,
अब न हमपे ये सितम करो अब न हमसे मुह मोड़ो।


हमने दिल को लगाया, ये कैसा रोग लगा लिया,
हमने यूँ ही बैठे बिठाए मौत को गले लगा लिया।


कभी अपनी मुस्कान को खोने न देना हर पल साथ रहूंगा,
कभी मत सोचना तुम से दूर हो गए तेरे आस पास रहूंगा,
इस मतलब की दुनिया मे भले मुझ से तुम दूर हो जाओ,
पर मैं तेरी यादों को अपने सीने से लगाके रखूंगा।


तूने ये कैसी बिन बताये दूरियां बड़ाई हैं,
बिछड़ कर इश्क में ये कैसा अधूरा पन लाई है,
मेरे नसीब में गम हिस्से आया है तो गम नही,
लेकिन उसकी किस्मत तो दुबारा रंग लाई है।


मै ये तलब नही करता मेरे गमो का सैलाब थम जाए,
मैं ये सोचकर डरता हूँ कहीं उसका दिल न बदल जाये,
अगर तेरे दिल मे कभी मुझे भूल जाने का ख्याल आये,
तो हमे ज़ख्म इतना देना की हमारी जान चली जाए।


मेरा इश्क है वो, मेरी मज़बूरी न समझ न,
सब कुछ ज़िन्दगी में मिल जाये, ये ज़रूरी न समझ न,
जिसे हम चाहें वो हमारे सामने रहे, इसे जरूरी न समझ न।


मोहब्बत वो चीज़ नही जो जान ले ले,
मुहब्बत वो भी नही जो मुस्कान दे दे,
“मोहब्बत” तो उस खुदा की इनायत है,
जो पानी मे पड़े अश्कों को भी पहचान ले।


लोगों ने पूछा कि कौन है वोह,
जो तेरी ये उदास हालत कर गया,
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम,
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता.…!!!


मेरे दिल मे उसके लिए वफा आज भी है,
मेरे दिल मे उसके लिए सदा आज भी है,
चाहे वो मुझसे लाख नफरत करे लेकिन,
वो मेरे लिए मेरा जहान आज भी है।


कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले,
यहाँ दिल तो बहुत मिलते है, बस कोई दिल से नहीं मिलता…!!!


मुझको कोई तो वजह दे तुझे कैसे मैं भुलाऊँ,
ज़ख्म सीने पर खाया है कैसे दिखाऊँ,
इस दिल पे मेरा ज़ोर कहाँ है,
क्या है तिश्नगी मेरे दिल की समझ न पाऊँ।


कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है,
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है…..!!!


मेरी सारी कोशिशें हमेशा बेकार ही रहीं,
पहले तुझे पाने की और अब तुझे भुलाने की।


जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हु इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती….!!!


तू मेरे साथ न ही सही,
पर तेरी यादों का सहारा तो रहता है,
तूने मुझ पर लाख सितम किये ही सही,
पर रातों में तेरी यादों में जागने का सहारा तो रहता है।


हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही……!!!


ये वक्त हमे महसूस कराता है,
के कौन हमारा दिल दुखाता है,
वक्त के साथ कुछ ज़ख्म कम हो जातें है,
लेकिन उन ज़ख्मो पर फिर से कोई नमक लगाता है।


इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है……!!!


लोग जलते रहे हमारे मुस्कुराने से,
क्योंकि हम अपना गम जताया नही करते,
ज़िन्दगी की राहों में जो मिला उसे अपना लिया,
और जो न मिला उसकी ख्वाइश हम किया नही करते।


अपनो को दूर होते देखा,
सपनो को चूर होते देखा,
अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा……!!!


चोट जो हमने दिल पे खाई है,
तो मेरी आँख भर आई है,
मत करना किसी से भी बेपनाह मोहब्बत,
अब तो मेरे दिल से यही सदा आई है।


बेआबरू होके महेफिल से निकल गये हम,
किसी और की आबरू की खातिर…..!!!


मेरे दिल किसी से इतना प्यार मत करना,
दर्दे जुदाई कभी तू मत सहना,
तू टूट कर बिखर जाएगा उनकी मोहब्बत में,
इसलिए कभी किसी से दिल की लगी मत करना।


नसीबों के खेल भी अजीब होते हैं,
प्यार में आंसू ही नसीब होते हैं,
कौन होना चाहता हे अपनों से जुदा,
पर अक्सर बिछड़ते हैं वो जो करीब होते हैं……!!!


इस जमाने मे कुछ हादसे ऐसे भी होते है,
वो मरते तो नही है लेकिन वो बेजान होते हैं।


ना तस्वीर है उसकी जो दिदार किया जाऐ,
ना पास है वो जो उससे प्यार किया जाऐ,
ये कैसा दर्द दिया उस बेदर्द ने,
ना उससे कुछ कहा जाऐ… ना उसके बिन रहा जाऐ…..!!!


मेरे दिल मे दर्द होता है जो था मेरा उसे कोई और बना ले गया,
जो सपना मैंने देखा था उसे हकीकत कोई और बना ले गया।


मोती हूँ तो दामन में पिरो लो मुझे अपने,
आँसू हूँ तो पलकों से गिरा क्यूँ नहीं देते,
साया हूँ तो साथ ना रखने कि वज़ह क्या,
पत्थर हूँ तो रास्ते से हटा क्यूँ नहीं देते…….!!!


मुझे तो अपने दर्द में एक सुकून सा मिलने लगा है,
अगर दर्द न मिले तो अब तो दर्द होने लगा है।


याद नही करोगे तो भुला भी ना सकोगे,
मेरा ख्याल ज़ेहन से मिटा भी ना सकोगे,
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे,
तो सारी उमर मुस्कुरा ना सकोगे…….!!!


हम उनके लिए कब से अहम होने लगे,
हाय रे दिल तुझे यूँ ही वहम होने लगे।


वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए,
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए……!!!


यहां कौन करता है मोहब्बत निभाने के लिए,
बस ये दिल तो खिलौना है इस ज़माने के लिए।


कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हु,
सवाल करता है कोई तो टाल देता हु,
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का,
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु……!!!


न कभी उन्होंने कोशिश की हमसे मिलने की न ही हम उनसे मिल सके,
राज़ ये दिल का हम न किसी को सुना सके,
हम तो उनकी यादों को आंखों में बिछाए बैठे हैं,
कभी न उन्होंने हमें याद किया और न कभी हम उन्हें भूल सके।


कभी जिंदगी में किसी के लिये मत रोना,
क्योंकि वो तुम्हारे आँसुओं के क़ाबिल ना होगा,
और जो इन आँसुओं के क़ाबिल होगा, वह तुम्हें रोने ही नहीं देगा….!!!


किसी का दिल तोड़ना हो तो सौ बार सोचना,
अगर किसी को तन्हा छोड़ जाना हो तो सौ बार सोचना,
अगर दिल एक बार टूटता है तो दुबारा किसी पे भरोसा नही करता,
इसलिए किसी के भरोसे को तोड़ना हो तो सौ बार सोचना।


साँचे में किसी और की मुहब्बत के हमने, खुद को कभी ढलने नहीं दिया,
आँखों को आज भी तेरा इन्तजार है कि गुलाल किसी को मलने नहीं दिया….!!!


मोहब्बत की दास्तां भी बहुत अजीब होती है,
जो पल हंस कर बिताए थे उन्हें याद करके रोना आता है,
और जो पल रो कर बिताए थे उन्हें याद करके हंसी आती है।


पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है……..!!!


मेरा दिल मुझसे कहता है बार बार जो बात तक नही करता वो प्यार क्या करेगा।


अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है,
जिस चीज़ को चाह है वो ही बेगानी है,
हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए,
वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है…..!!!


किसी के हसीन चेहरे पर कभी नही मरना,
किसी के ख्वाबों में अपनी नींदे बर्बाद मत करना,
ऐसे ही हसीन चेहरे वाले बहुत सताते हैं इसलिए,
कभी किसी चेहरे पर एतबार नही करना।


याद हँ मुझे मेरे सारे गुनाह,
एक मोहब्बत करली,
दूसरा तुमसे कर ली,
तीसरा बेपनह कर ली…….!!!


तू चली आये ज़िन्दगी में बस यही आस रहती है,
इन निगाहों को बस तेरे चेहरे की प्यास रहती है,
मुझे ज़िन्दगी में कुछ और पाने की ख्वाइश नही है,
लेकिन इन धड़कनों को बस तेरी तलाश रहती है।


चिराग से न पूछो बाकि तेल कितना है,
सांसो से न पूछो बाकि खेल कितना है,
पूछो उस कफ़न में लिपटे मुर्दे से,
जिन्दगी में गम और कफ़न में चैन कितना है…..!!!


हम अपने दिल से तो बहुत रोये पर होठों से मुस्कुराने चले, हम तो उस वेबफा से वफ़ा निभाने चले।


पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी शख्स की जान थे हम…..!!!


समंदर से जब लहरें उठतीं हैं और पलट जाती हैं,
उसकी यादें मेरे सीने में ही सिमट जातीं हैं,
लहरों में और यादों में बस फर्क इतना है,
समंदर से लहरें तो कभी कभी उठतीं है,
लेकिन उसकी यादें हर वक्त उठ जाया करती हैं।


तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है,
वफ़ा करके भी देखो बुराई मिली है,
जितनी दुआ की तुम्हे पाने की,
उस से ज़यादा तेरी जुदाई मिली है……!!!


गुमनाम चेहरों में बस एक ही चेहरा नज़र आता है,
कुछ और मैं क्या सोचूँ उसकी यादों में सारा वक्त गुज़र जाता है।


याद में नशा करता हूँ…
और नशे में याद करता हूँ…


तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है,
बहुत बुरी है मोहबत,
किसी दुश्मन को भी ना हो……..!!!


मेरी अब तो दिवानो की तरह हालत है,
बस तुम्हे देखूँ यही मेरी चाहत है,
कभी इस मोहब्बत के सफर में छोड़ न जाना,
बस एक खुदा से अब मेरा यही अरमान है।


हमे क्या पता था, आसमान इस कदर रो पडेगा,
हमने तो बस उसे अपनी दास्तां सुनाई थी!!


तू बदनाम ना हो,
सिर्फ इसलिये जी रहा हूं मै,
वरना तेरी चौखट पे मरने का,
इरादा तो रोज़ ही होता है…..!!!


मैं टूट गया हूँ तेरे दूर जाने से,
हो सके तो लौट आओ किसी बहाने से,
तू मुझसे कितनी भी दूर होजा बस एक बार देख ले,
कोई बिल्कुल तन्हा हो गया है तेरे दूर जाने से।


मौहब्बत की मिसाल में बस इतना ही कहूँगा…
बेमिसाल सज़ा है, किसी बेगुनाह के लिए!!


टूट जाऊँ मोहब्बत में या फिर टूट कर मोहब्बत करुँ,
इस बार मेरे पास बस इक यहीं रास्ता हैं……!!!


क्यों मेरी किस्मत मुझसे खफा है,
मैं जिसको भी अपना समझता हूँ वो बेवफा है,
क्यों न करूं शिक़वा मैं इस रात से,
मैं जो भी ख्वाब देखूँ तो हो जाती है सुबह।


समझदार ही करते है अक्सर गलतिया,
कभी देखा है, किसी पागल को मोहब्बत करते।


चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
हम भी सितारों से क्या गिला करें,
जब चाँद ही हमारा ना हुआ…….!!!


मेरे दिल के हर कोने से बस एक ही सदा आती है,
इस दिल को हमेशा तेरी वेबफाई याद आती है,
मेरा दिल भी मुझ से बस यही बार बार पूछता है,
मैं इतना तड़पता हूँ उसके लिए क्या उसे भी मेरी याद आती है।


उदास कर देती है हर रोज ये बात मुझे,
ऐसा लगता है भूल रहा है कोई मुझे धीरे-धीरे…


उनको कहना कि आकर ये दिल भी ले जाये
अब ये मेरी सुनता ही नहीं फिर इसका करूँ क्या……!!!


तेरी वेबफाई के गम ने मुझे कभी हसने नही दिया,
इन दुनिया वालों ने मुझे कभी रोने नही दिया,
जब मैं टूट गया तब रात की मैंने पनह मांगी,
लेकिन वहाँ भी तेरी यादों ने मुझे सोने नही दिया।


मैने माँगा था थोड़ा सा उजाला अपनी जिंदगी में,
चाहने वालों ने तो आग ही लगा दी।


उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है…..!!!


बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म,
जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।


हमारा हक तो नहीं है फिर भी हम तुमसे कहते है, हमारी🙋♂️जिँदगी ले लो मगर उदास😞मत रहा करो !!


मेरी आँखों मे आँसुओ का समंदर है लेकिन हम इन्हें बहा नही सकते है,
इस ज़माने से डरतें हैं इसलिए इन आँसुओं को दिखा नही सकतें हैं,
ये तो आप भी वा खूब समझतें होंगे के हम आप के सिबा किसी और को हम चाह नही सकतें हैं।


भला कौन इस दिल की इतनी, देख-भाल करे…
रोज़-रोज़ तो इसकी किस्मत में, टूटना ही लिखा है…


उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया…..!!!


याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।


तू इतना प्यार❤️कर जितना तू सह सके…बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके…!!


मुझे उसके इश्क का घना बादल बना देता,
मुझे उसकी आँखो का काजल बना देता,
तुझसे बिछड़ना अब मुझे मौत की तरफ ले जाता है,
ऐ रब इससे अच्छा तू मुझे पागल बना देता।


मुझे नींद की इजाज़त भी उनकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद आराम से सोये हैं, मुझे करवटों में छोड़ कर।


जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है,
तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे…..!!!


दिखाकर चाँद पानी में🌜… सबको बहलाया करती है…’चाहत❤️‘ जानें कितनों का… तमाशा बनाया करती है…!!


मुक्कदर के सिकन्दर मुझ पर एक एहसान कर देना,
मेरी जाने वेबफा के होठों पे मुस्कान लिख देना,
उसकी ज़िन्दगी में कभी भी कोई दर्द न आये,
चाहे तो उसके मुकद्दर में मेरी जान लिख देना।


मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा लिया,
पर ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ!!


रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर,
लोगो के मुह पे राम नाम था,
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….!!!


हम ने रोती हुई आँखों को हँसाया है सदा,
इस से बेहतर इबादत तो नहीं होगी हमसे।


इस जहां🌍से उस जहां🌏का फासला तय किया जा सकता है अगर शर्त में तुम्हारा👩दीदार👀रखा जाए🌸


लोग जिसे मोहब्बत का नाम देते हैं,
हम वही मोहब्बत तुमसे वे शुमार करतें है।


खुदखुशी करने से मुझे कोई परहेज नही है,
बस शर्त इतनी है कि फंदा तेरी जुल्फों का हो!!


चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं……!!!


ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने !
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने !
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!


मोहब्बत 💑 को समझने 🤔 के लिये…एक बार टूटना 💔 बहुत जरुरी 😌 है…!!


वो वेबफा चार दिन की मोहब्बत दे गया,
और मेरी उम्र भर की रातों की नींद ले गया।


मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती,
पाला है बड़े नाज़ से… मेरे गमों ने मुझे!


किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला…..!!!


लोग🚻हमेशा✅गलत इंसान से धोखा खाने के बाद👿..अच्छे इंसान🧑से बदला👊लेते हैं…!!


मैं इस काबिल तो नही कि कोई अपना समझे,
पर इतना यकीन है,
कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद।


गलती उनकी नहीं कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तों….हम ही अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल लगा बैठे…!!


उफ वो तेरी कसमे उफ वो तेरे वादे,
तू सब भूल गया हम दोनों ने क्या क्या किये थे इरादे।


आखिर क्यों बस जाते हैं दिल में, बिना इजाज़त लिए वो लोग,
जिन्हे हम ज़िन्दगी में कभी पा, नहीं सकते।


अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं,
बेगाने समझते नहीं और अपनो को दिखते नहीं…..!!!


कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना,
वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें दे ना सके।


सब कुछ बदल चुका था जब वो अर्सों बाद मिले,
हम उनसे कुछ कहे भी न सके वो इतने पराये से लगे।


जागना कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में अब कहाँ!!


ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो,
अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो…..!!!


भूल जाऊंगा उसी वक़्त उसी पल,
बस तू उससे मिला दे जो मुझसे ज़्यादा चाहता है तुझे।


वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी…!!


इश्क और बारिश दोनों ही कभी भुलाई नही जाती,
बारिश में तन मन भीग जाता है,
और इश्क में आंखे भीग जाती है।


खैर कुछ तो किया उसने…
चलो तबाह ही सही…!

Conclusion

As we conclude this heartfelt collection of 271 Sad Shayari, we bid farewell to a journey filled with emotions and melancholy. These verses have allowed us to delve into the depths of sorrow, pain, and longing that touch the human heart.

Sad Shayari connects us through shared experiences and offers solace during difficult times. As we wrap up this emotional odyssey, may the essence of these verses continue to remind us of the beauty and vulnerability of human emotions, fostering empathy and understanding towards ourselves and others.