171 Sad Shayari

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Enter the world of emotions and melancholy with our collection of 171 Sad Shayari. Life is a journey filled with ups and downs, and within this poignant compilation, you will discover verses that beautifully express the depth of pain, heartache, and longing.

Sad Shayari touches the soul, offering a channel to release emotions and find solace in shared feelings. Whether you seek comfort in shared experiences, a way to express your own grief, or simply an exploration of human emotions, these verses will resonate with the tenderest corners of your heart.

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ,
तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे……!!!


कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख्मी नही होते,
रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नही देते।


बिख़री-बिख़री सी है हम दोनों की ये ज़िन्दगी,
तुझे सुकून की चाहत है और मुझे तेरी !!


करली तसल्ली दिल तोड के मेरा
मैंने कहा था कुछ नहीं है इसमें तेरे सिवा


एक न एक दिन मैं ढूँढ ही लूंगा तुमको,
ठोंकरें ज़हर तो नहीं कि खा भी ना सकूँ।


तुझसे कोई शिकायत तो नहीं है, पर तेरे👩जाने के बाद, ना तो सुकून है और ना ही क़रार…!!


वक़्त नूर को बेनूर बना देता है,
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना,
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है..


मोहब्बत और भरोसा ज़िन्दगी में कभी मत खोना,
क्योंकि मोहब्बत हर किसी से नही होती,
और भरोसा हर किसी पे नही होता।


मोहब्बत नही तो मुकदमा हि दायर कर दे जालिम,
तारीख दर तारीख तेरा दीदार तो होगा।


हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला
बस दर्द देते रहा करो “मोहब्बत” बढ़ती जाएगी…..!!!


मेरा किरदार बिना इश्क के
जचेगा क्या अगर खुद से
तुम्हे निकाल दू तो
बचेगा क्या।


खेलने दो उनको,
कि जब तक उनका दिल ना भरे…
जब इश्क़ चार दिनों का था,
तो शौंक कितने दिनों का होगा !!


याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो
दूर है जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो
दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे
खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे


चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नहीं,
मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी तकलीफ देती है।


तेरी जुदाई ने मुझे इश्क🧡का मतलब समझा दिया तलब तो तेरी पहले भी थी पर दर्द के इस आलम ने तेरे दिल मे होने का यकीन दिला दिया…!!


ढलती शाम का खुला एहसास है,
मेरे दिल में तेरी जगह कुछ खास है,
तू नहीं है यहाँ मालूम है मुझे पर,
दिल ये कहता है तू यहीं मेरे पास है।


बस मुझे तो तेरी एक मुस्कान चाहिए,
एक मेरे दिल मे तेरा अरमान चाहिए,
तुम लौट कर भले ही मत आओ,
हमें याद रखना ये एहसान चाहिए।


अहेसान तो तेरा भी है एक मुझ पर ज़ालीम,
इन नजरों से ना तु नीकला… न मुझे नीकलने दीया……!!!


मेरा किरदार बिना इश्क़ के जचेगा क्या।
अगर खुद से तुम्हे निकाल दू तो बचेगा क्या।


कितने वाकिफ़ थे वो मेरी कमजोरियों से,
वो रो देते थे और मैं हार जाता था ….


काश आसुओं के साथ यादे बह जाती
काश ये ख़ामोशी सब कुछ कह जाती
काश किस्मत तुमने लिखी तो सायद
मेरी किश्मत में प्यार की कमी न रह जाती


ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ,
मैं हँस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था,
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं कभी,
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।


सिर्फ़ दो ही गवाह थे वफ़ा के एक वक्त⌛और एक वो👱♂️एक गुज़र गया और एक मुकर गया…!!


यारों ज़िन्दगी में कितनी भी गलती करना,
मगर अधूरी मोहब्बत करने की गलती मत करना।


सिर्फ हम ही है तेरे दिल में,
बस यही गलतफहमी हमें बर्बाद कर गई।


अजीब लोग बसते है तेरे शहेर मे जालीम,
मरम्त कांच की करते है पथ्थर के औझार से……!!!


एक ज़रा सी खता की ये कैसी सजा देते हो।
बात बात पर अपनाते हो फिर भुला देते हो।


ज़ख्म इतने गहरे है इज़हार क्या करे
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करे
मर गए हम मगर खुली रही यर आँखे
अब इससे ज्यादा उसका इन्तजार क्या करे


वक़्त के साथ बदलना तो बहुत आसान था,
मुझसे हर लम्हा मुखातिब रही ग़ैरत मेरी।


अब तो इस राह से वो शख़्स गुजरता भी नहीं,
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई।


जुदा होना अगर किसी से इतना आसान होता….तो जिस्म से रूह को लेने कभी फरिश्ते ना आते…!!


तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम..


जब इश्क हद से ज्यादा खुशियां देने लगता है,
तब वही इश्क हद से ज़्यादा गम देने लगता है।


बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं… लेकिन,
बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते….!!!


अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर
सो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है


दूरी बस दो ही क़दमों की है,
पहले कदम कौन बढ़ाये
बस ये ही तय करना है


तेरे कहने से तुझेसे दूर चला आया मगर
मुझको लगता है मै अपने भी करीब नही


जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फ़िक्र करूँ,
इसमें क्या इश्क़ की इज्ज़त थी कि रुसवा न हुआ,
वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए,
कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा ना हुआ।


👆काश तू मेरी मौत होती तो एक🙍 दिन मेरी जरूर होती….!!


अपनी तो मोहब्बत की यही कहानी है,
टूटी हुई कश्ती ठहरा हुआ पानी है,
एक फूल किताबोँ मेँ दम तोड़ चुका है,
मगर याद नहीँ आता ये किसकी निशानी है..


मैंने तो सिर्फ मोहब्बत की, मुझे दर्द के सिवा क्या मिला।
मेरी एक फूलों की बगिया थी, उसमें कांटो के सिवा क्या खिला।
अंदर से मैं टूट गया हूँ बस नही किसी से शिक़वा गिला,
इस दुनिया मे मोहब्बत करने बालो को प्यास के सिवा क्या मिला।


हौसला मुज में नहीं उसको भूलाने का,
काम सदियों का लम्हों में कहाँ होता है…..!!!


डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में,
ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है।


फूलों ने सपनो की,

सच्चाई दिखाई है,

वफ़ा बेशक न मिली हो मुझे,

पर मोहब्बत मैंने दिल से निभायी है …


सज़ा लबो से अपनी सुनाई तो होती
रूठ जाने की वजह बताई तो होती
बेच देता खुद को तुम्हारे लिए
कभी खरीदने की चाहत जताई तो होती


न हाथ थाम सके और न पकड़ सके दामन,
बहुत ही क़रीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई।


तोडना ही था तो ⚔सांसे तोड़कर जाते …सिर्फ दिल💔तोड़कर क्या मिला ..!


तेरी बेखूदी में लाखों पैगाम लिखता हूं..
तेरे गम में गुजरी बाते तमाम लिखता हूं..
अब तो आंसु छलकते है उस कलम से भी..
जब कभी में तेरा नाम लिखता हूं।


इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,
तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,
अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है..


अगर डाली सूख जाए तो उसपे फूल नही खिलता,
वही ज़िन्दगी का भी हाल है जो चाहो वो नही मिलता।


न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई,
न वो वापस लोटी, न मोहब्बत दोबारा हुई..


हम खामोश हो जाते हैं उनकी सुनते सुनते,
वो न जाने क्यों चुप हो जातें हैं कुछ कहते कहते,
हम तो मिट गए उनके सितम सहते सहते।


खामोश रह… तनहा बैठ… याद कर उस को,
तूने इश्क़ किआ है…. गुनाह छोटा नहीं है तेरा….!!!


बातों को मेरी तुम भुला ना सकोगे,
लड़की हूँ
मैं बिंदास लेकिन तुम पटा ना सकोगे


तुमने अभी वो वक़्त ही कहाँ देखा,

जो कटता ही नहीं,

तनहा भरी रात किसे कहते हैं,

ये तुम नहीं समझोगे


रोने की सज़ा ना रुलाने की सज़ा है
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है
हस्ते है तो आँखों से निकल जाते है आँसू
ये उस सख्स से दिल लगाने की सज़ा है


ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सिखा दे कोई,
वादे निभा-निभा के अब थक गया हूँ मैं।


प्यार सभी को जीना सिखा देता है..वफा के नाम पर मरना सिखा देता है..प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों..जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है..!!


इश्क के भी कुछ अंदाज होते हैं यारों..
जागती आंखों में भी कुछ ख्वाब होते है यारों..
जरूरी नहीं कि गम में ही आंसू निकले..
मुस्कुराती आंखों में भी सैलाब होते हैं यारों..।


यूँ हर पल हमें सताया न कीजिये,
यूँ हमारे दिल को तड़पाया न कीजिये,
क्या पता कल हम हों न हों इस जहॉ में,
यूँ नजरें हमसे आप चुराया न कीजिये..


निगाहें तो बस उसे ही ढूंढ़ती हैं अजनबी से चहरों के बीच, शायद वो आये और उसे हम पे एतवार हो जाये।


तेरी तो फितरत थी
सबसे मोहब्बत करने की,
हम बेवजह खुद को
खुश नसीब समझने लगे।


शिकायतें तो बहुत है तुमसे पर,

मैं लबों से बयां नहीं करता


दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते है
फूलो पर कभी इस तरह ऐतबार मत करना


क्यूँ वो रूठे इस कदर कि मनाया ना गया,
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया,
दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं,
लिख दिया जो नाम वो फिर मिटाया ना गया।


हमे तो कब से पता थ की तुम💔बेवफा हो …बस तुझसे💕प्यार करते रहे की शायद तुम्हारी फितरत बदल जाये …!!


आंसू की कीमत वो लोग क्या जाने..
जो हर बात पे आंसू बहाते है..
आंसूओं की कीमत तो उनसे पूछो..
जो गम में भी हंसते-मुस्कुराते है।


ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से,
इश्क में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह न पायेगा..


मेरी आँखों मे नींद आ जाये बस यही गुज़ारिश करते हैं।
मेरे सपनों में उसका चेहरा आ जाये बस यही शिफारिश करते हैं।


हमने ज़रा खता क्या की तुम नाराज़ हो गए,
हम ज़रा दूर क्या हुए तुम उदास हो गए ,
हम ज़रा बुरे क्या हुए तुम बेवफा हो गए,
तुम ज़रा बेवफा क्या हुए हम बदनसीब हो गए..


मत पूछो कि मेरे

एहसासों की शिद्दत क्या थी??

धूप इतनी तेज़ थी,

कि मैंने साए को भी जलते देखा है


मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता
सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता


इश्क़ मोहब्बत की बातें कोई न करना,
एक शख्स ने जी भर के हमें रुलाया जो है।


कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम…!!


“जब उतरता है चेहरे से नक़ाब तो मिल जातें हैं सारे जवाब”


खुदा करे किसी को मोहब्बत मे जुदाई ना मिले,
कभी भी किसी को इश्क़ में बेवफ़ाई ना मिले,


तुझसे दूर हूँ,

फिर भी दिल के पास हूँ,

दिखता तो मैं ख़ुश हूँ,

लेकिन मन से बहुत उदास हूँ


वास्ता नही रखना तो फिर मुझपे
फिर मुझपे नजर क्यू रखता है
मै किस हाल में जिन्दा हूँ
तू ये सब खबर क्यू रखता है


आसान नहीं आबाद करना घर मोहब्बत का,
ये उनका काम है जो ज़िन्दगी बर्बाद करते हैं।


बहुत अकेला कर दिया है मेरे अपनों ने मुझे😢, समझ नहीं आता कि मैं बुरा हुं या मेरी किस्मत…!!


वो छोड़ के गए हमें;
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी;
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं;
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।


यूं ही ना करो,

कोई इश्क़ की बात,

नज़र भर में हो जाता है,

और उम्रभर तड़पाता है


कबूल ऐ करते हे तेरे कदमो मे गिरकर
सजाए मौत मनजूर है मगर अब मोहब्बत नही करनी


ये दुनिया तुम्हें एक पल में बरबाद कर देगी,
मोहब्बत हो भी जाए तो उसे मशहूर मत करना।


🧖♀️तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे❤दिल में , रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में💓….!!


हमने भी कभी प्यार किया था,
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था..


मतलब‬ की दुनिया है …..
इसलिये छोड़ दिया ‪सब से मिलना‬
वरना ये ‪ छोटी सी उम्र‬ ‪
‎तन्हाई‬ के ‪ काबिल‬ तो ना थी…!!


बहुत ही मुश्किल है,

ये हुनर इस जहां में आजमाना,

तुझसे ही दूरी रखना,

और तुझसे ही मोहब्बत करना…


बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए


लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं,
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है,
तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी,
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है।


टूटता हुआ तारा⭐ सबकी दुआ पूरी करता है..क्यों के उसे टूट💔ने का दर्द मालूम होता है…!!


तेरी बेवफाई पे लिखूंगा ग़ज़लें,
सुना है हुनर को हुनर काटता है


जब टूटता हैं तो बहुत दर्द देता है,

क्या ख़्वाब,

क्या कांच,

और क्या प्यार….


कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला
जोभी मिलता है समझा के चला जाता है


चाँदनी, जाम, कली, ख्वाब, घटा सब कुछ है,
मेरी किस्मत में मोहब्बत के सिवा सब कुछ है।


जहर से ज्यादा ☠खतरनाक है ये💞💓 मोहब्बत ,जरा से कोई चख ले मर मर के जीता है🤕…!!


कुछ अलग ही करना है तो
वफ़ा करो दोस्त,
वरना मज़बूरी का नाम लेकर
बेवफाई तो सभी करते ही हैं.


रह ना सकोगे भुला कर तो देखो,

अगर ना हो यकीन तो आजमा कर तो देखो,

हर पल सताएगी मेरी कमी तुम्हे,

चाहे अपनी महफ़िल को जितना मर्जी सजा कर देखो


हम बने हि थे तबाह होने के लिए
तेरा छोड़ जाना तो महज़ एक बहाना था


लिपटा है मेरे दिल से किसी राज़ की मानिंद,
वो शख्स कि जिसको मेरा होना भी नहीं है,
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजब है,
पाना भी नहीं है उसे खोना भी नहीं है।


कर देना माफ़🙏, अगर दुखाया हो दिल तुम्हारा💘… क्या पता कफ़न में लिपटा मिले, कल ये यार तुम्हारा….!!


वो कितनी आसानी से मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े करके किसी और कि बाहों में सो गया, कितने आसान से लफ़्ज़ों में बेवफ़ाई का नाम मज़बूरी हो गया।


मैं अक्सर रात में यूं ही सड़क पर निकल आता हूँ,
यह सोचकर की कहीं ,चाँद को तन्हाई का अहसास न हो ||


मैंने इंसान की वफ़ा पर यकीन करना छोड़ दिया है,
जब किस्मत बदल सकती है तो ये मिट्टी के इंसान क्यों नहीं…..!!!


तलब ऐसी कि अपनी सांसों में समा लू तुझे,
किस्मत ऐसी कि देखने को भी मोहताज हूँ तुझे!!


लगा कर आग सीने में, चले हो तुम कहाँ,
अभी तो राख उड़ने दो, तमाशा और भी होगा ||


तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास..
लगता है तुमने बेवफ़ाई
नही सिखाई इनको…


मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह,
उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा….!!!


खता उनकी भी नहीं है वो क्या करते,
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते ||


न ठहरो मेरे दिल की वादी में चलते चले जाओ,
रूकोगी तो फिर से इश्क कर बैठोगी…..!!!


तुम्हारे रोज-रोज के वादों पर,

यूँही मर जाऊँगा मैं,

अगर तुम ऐसे ही गुजरे,

तो गुजर जाऊँगा मैं…


छोड़ दिया हमने तेरे ख्यालों में जीना,
अब हम लोगों से नहीं, लोग हमसे मोहब्बत करते है ||


अकेले कैसे रहा जाता है
कुछ लोग यही सिखाने
हमारी ज़िन्दगी में आते हैं


काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते…..!!!


दुआ करना दम भी उसी तरह निकले,
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले।


जब भी आती है तेरी याद तो मुस्कुरा लेती हूँ,

कुछ पल के लिए ही सही सारे दुःख भुला लेती हूँ,

कैसे भीगेंगी तेरी ये आँखें,

जब तेरे हिस्से के आँसू मैं बहा लेती हूँ


जाओ ढुंढ लो
हमसे भी ज्‍यादा चाहने वाला
मिलजाए तो खुश
न मिले तो हम फिर भी तुम्‍हारे है


है.. कोई वक़ील,
जहान में… दोस्तों,
जो हारा हुआ इश्क़ जिता दे मुझको….!!!


मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे,
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं!!


बहुत मुश्किल से दिल लगाया जाता है,

बहुत मुश्किल से वादा निभाया जाता है,

ले आता है इश्क़ हमें उस मोड़ पर,

जहाँ पर दीया नहीं दिल जलाया जाता है…


कैसे दूर करूँ ये उदासी, बता दे कोई,
लगा के सीने से काश, रुला दे कोई ||


बात तो सिर्फ जज्बातों की है…
वरना मोहब्बत तो सात फेरो के
बाद भी नहीं होती है…


ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा,
जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…!!!


छोड़ दिया हमने तेरे ख्यालों में जीना,
अब हम लोगों से नहीं, लोग हमसे मोहब्बत करते है।


राह-ए-मोहब्बत में,

हर एक बात अज़ीब होती है,

किसी को मोहब्बत,

तो किसी को बेरुखी नसीब होती है


कदम जो उठे प्यार में,
सब कुछ खो दिए प्यार में,


रुलाना छोड दे ऐ-ज़न्दगी तू हमे,
हम खफा हुए तो, एक दिन तुझे छोड़ देंगे।


काश वो नगमे सुनाए ना होते,
आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते,
अगर इस तरह भूल जाना ही था,
तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….!!!


मैं तो रह लूंगा तुझसे बिछड़ कर तन्हा भी,
बस दिल का सोचता हूँ, कहीं धडकना न छोड़ दे!!


माफ़ी चाहता हूँ गुनेहगार हूँ तेरा ऐ दिल,
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं ||


प्यार गया तो सही
मगर मूड ऑफ कर गया


कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू,
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने……!!!


हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,
एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं।


इश्क़ हम दोनों ने ही किया था,

बस फ़र्क़ इतना है कि,

हमने बहुत किया था,

और उन्होंने बहुतों से किया था…


वो हज़रों के साथ रहता है इसे क्या गम मेरा
काश हम्हे भी आदत होती हर एक से प्यार करने की


दर्द मुझको ढूंढ लेता है, रोज नए बहाने से,
वो हो गया वाकिफ़, मेरे हर ठिकाने से ||


मिलने को तो हजार मिल जाए
पर तू साथ हो तो जीने की
वजह मिल जाए


मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है,
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है…….!!!


फ़रियाद कर रही है तरसी हुई निगाहें,
किसी को देखे एक अरसा हो गया।


आ गया रोज़ अपने दिल समझाना मुझे
आप की ये बुरुखी किस काम की रहे जायगी


यूं बदलने का अंदाज,
ज़रा हमें भी सीखा दो,
जैसे हो गए हो तुम बेवफ़ा ,
वैसे हमें भी बना दो


है कोई वकील इस जहान में,
जो हारा हुआ इश्क
जीता दे मुझको.


खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की,
इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये….!!!


तरस आता है मुझे अपनी, मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती हैं कि अब, रोया नहीं जाता।


छोड़ा तो है इसे मगर छोड़ा है इस तरह
देता फिरेगा मेरे हवाले तमाम उम्र


एक सवाल छिपा है दिल के किसी कोने में,
कि क्या कमी रह गई थी तेरा होने में।


वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों से,
जी भर जाए तो हर कोई भुला देता है ||


महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए,
ये दुनिया की रस्म है
इसे मोहब्बत ना समझ लेना.


एक बेबफा के जख्मो पे मरहम लगाने हम गए,
मरहम की कसम मरहम न मिला मरहम की जगह मर हम गए…!!!


सजा ये है की बंजर जमीन हूँ मैं,
और जुल्म ये है की बारिशों से इश्क़ हो गया।


की थी मोहब्बत जब हमने,
तो उसका अंजाम किसे मालूम था,
मिलेगा दर्द वफ़ा के बदले,
यह ईनाम किसे मालूम था


तेरी यादें बहुत सताती है मगर
तुमसे हमको कोई गिला नहीं है


तूने फैसले ही फासले बढ़ाने वाले किये थे,
वरना कोई नहीं था तुझसे ज्यादा करीब मेरे।


कौन दिल में जगह देता है,
पेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है,


हमारे पास तो बस तेरी यादें है,
ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो
जिसके पास तू है !!


तुम बस उलझे रह गये हमें आजमाने में😢…और हम हद से गुजर गये तुम्हें चाहने में☄️…!!!


हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के बोले,
वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….!!!


छोड़कर अपनी यादों की निशानियां मेरे दिल में,
वो भी चले गये वक्त की तरह।


तबाह कर दी मेरी ज़िन्दगी उसने,
मोहब्बत के नाम पर,
बेवफ़ाई ही मिली नसीब में,
हमें वफ़ा के नाम पर,
जख्म ऐसे गहरे दिए उसने,
दवा के नाम पर,
कि ख़ुदा भी रो पड़ा,
मेरे इश्क़ के अंजाम पर


न सता ए ज़िन्दगी कि अब सहा नही जाता,
गमो मे ड़ूब कर अब रहा नही जाता,
य तो आर कर य पार कर,
मेरे ज़ख्मो का अब तू ही हिसाब कर..


बड़े ही मासूम होते हैं आँख के आँसू,
सिर्फ उनके लिए ही बहते हैं,
जिन्हे इनकी क़दर नहीं होती।


रिश्ता करब होने की एक वजह ये भी है
की लूग झुकना पसन्द नही करते


उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर,
अंजाम हम ने इश्क़ का सोचा तो रो दिए,
बादल फिज़ा में आप की तस्वीर बन गए,
साया कोई खयाल से गुजरा तो रो दिए।


बहुत कुछ है इस दिल में उन्हें सुनाने के लिए,
लेकिन वो हैं कि आते ही नहीं हमें मनाने के लिए ||


क़ाश कोई ऐसा हो,
जो गले लगा कर कहे…
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है


गहरी थी रात लेकिन हम खोये नहीं🌙, गम बहुत था दिल में,लेकिन हम रोये नहीं🧔, कोई नही हमारा जो पूछे हमसे कीे, जग रहे हो किसी के लिये या किसी के लिए सोये ही नहीं…!!


तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…..!!!


अभी एक टूटा तारा देखा, बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क न पड़ा, बिलकुल तेरे जैसा था।


साथ देता जो समय आप हमारे होते..
हम भी औरों की तरह आपको प्यारे होते..
ये मेरे आंसू जंमी पर न गिरते..
अगर होता कोई आंचल इन्हें पोछने वाला ..
तो हम भी किसी के सितारे होतें।


बड़े ही दुःख देते हैं वो ज़ख्म, जो हमें बिना हमारी गलती के मिले हों…


कहा कहा से मिटाओ गए मेरी यादें
हम तुझे हर मोड़ पर याद आएंगे

Conclusion

As we conclude this touching collection of 171 Sad Shayari, we bid farewell to a journey filled with emotions and melancholy. These verses have allowed us to delve into the depth of sorrow, heartache, and longing that touch the human heart.

Sad Shayari connects us through shared feelings and offers solace during difficult times. As we wrap up this emotional odyssey, may the essence of these verses continue to remind us of the beauty and vulnerability of human emotions, fostering empathy and understanding towards ourselves and others.