00 गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में, कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में ।। आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,किन किन अदाओं से तुम्हें माँगा है खुदा से,आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो। तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है, तेरी […]