00 लाये खुशियों की बारातऐसी हो गुडी पड़वा से परम्परागत शुरुवात शाखों पर सजता नये पत्तो का श्रृंगारमीठे पकवानों की होती चारो तरफ बहारमीठी बोली से करते, सब एक दूजे का दीदारचलो मनाये हिन्दू नव वर्ष इस बार मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कारवृक्षों पर सजती नये पत्तों की बहारहरियाली से महकता प्रकृति का […]