Judai Shayari

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Judai, meaning separation or longing, is a powerful emotion that finds its expression in the world of Shayari.

It is a sentiment that cuts deep into the heart, capturing the pain and anguish of being separated from someone we hold dear.

The collection of Judai Shayari offers a poignant exploration of this bittersweet experience, delving into the depths of human emotions and the complexities of relationships.

These Shayaris beautifully convey the feelings of loss, yearning, and the profound impact that separation can have on our lives.

गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में,
कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में ।।


आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किन किन अदाओं से तुम्हें माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।


तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं.


जब वादा किया है तो निभाएंगे;
सूरज किरण बन कर छत पर आएंगे;
हम हैं तो जुदाई का ग़म कैसा;
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएंगे


आ की तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं,
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं।


जिगर है छलनी-छलनी आँखें लहू-लहू हैं ……..
तेरी जुदाई ने मेरी रूह को यूँ तबाह कर दिया …….


मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।


बेताब मै ही नही दर्द-ए-जुदाई की कसम,
रोते तुम भी होंगे करवट बदल बदलकर


न जाने क्यूँ कहते हैं लोग
हमें जुदाई का गम मार गया
हम तो हर वक्त उनकी यादों में कैद हैं
कौन कहता हैं वो हमसे जुदा हो गया


कितना भी चाहो ना भूल पाओगे हमें
जितनी दूर जाओगे नजदीक पाओगे हमें
मिटा सकते हो तो मिटा दो यादें मेरी
मगर क्या सांसो से भी जुदा कर पाओगे हमें


जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया,
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया,
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि,
हम मिलेंगे ख़्वाबों में पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये,
उस रात तो मैं ख़ुशी के मारे सो भी नहीं पाया।


हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमे


थोड़ा अकेले जिया जाये
दिल दुखाने वालो से
थोड़ा किनारा किया जाये


अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें


क़हर है तेरी जुदाई…
पर अपना दिल भी अब पत्थर हो चला है..


सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।


उनकी नज़रों से दूर हो जायेंगे हम
कहीं दूर फ़िज़ाओं में खो जायेंगे हम
मेरी यादों से लिपट के रोयेंगे वो
ज़मीन ओढ के जब सो जायेंगे हम


आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।


जिगर है छलनी-छलनी… आँखें लहू-लहू हैं,
#तेरी जुदाई ने मुझे इस कदर तबाह कर दिया।


दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।


तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं

Conclusion

The Judai Shayari collection is a poignant reflection of the heartache and longing that accompanies separation.

Each Shayari captures the raw emotions of parting ways with a loved one, delving into the complexities of human relationships.

Whether it is the separation from a lover, a friend, or a cherished memory, these verses eloquently express the depth of pain and the emptiness that fills our hearts in times of separation.

Through this collection, we find solace in shared experiences and the cathartic power of words, reminding us that we are not alone in our feelings of Judai.