Sad Shayari

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Enter the realm of emotions and heartache with our collection of Sad Shayari. Life’s journey is filled with moments of sadness and heartbreak, and within this poignant compilation, you will find a diverse array of verses that beautifully express the pain and sorrow of the human heart.

Sad Shayari is a form of poetry that speaks to the soul, capturing the depths of emotions and offering solace to those going through difficult times.

Whether you seek comfort in shared feelings, a way to express your own grief, or simply a means to understand the complexities of human emotions, these verses will resonate with the tenderest corners of your heart.

दिल के समुन्दर में एक गहराई है
उसी गहराई से तुम्हारी याद आई है
जिस दिन हम भूल जाये आपको
समझ लेना हमारी मोत आई है


हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।


उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था, अपना भी नही बनाया और किसी और का भी ना होने दिया।


इश्क मुझ को नहीं वहशत ही सही मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही


हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है


बरसात होती हैं आँखों में जब याद तेरी आती हैं
बहुत रोता हैं ये दिल मेरा जब दूर तू जाती हैं |


कल क्या खूब इश्क़ से इन्तकाम लिया मैंने,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे जला दिया।


तू मेरी चाहत का एक लफ्ज भी ना पढ़ सका,
और मैं तेरे दिये हुए दर्द की किताब पढ़ते पढ़ते ही सोती हूँ।


इस दुनिया में वफ़ा करने वालो की कमी नहीं है
बस उसी से हो जाता है जिसे अपने की क़दर नहीं


किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं


तुम रहना जरा संभल कर, यूँ पर्दानशीं ना हो जाना…..
नजरों में गिर जाओ भले, नजरों से न गिर जाना….


कभी बहुत थे हमारे भी चाहने वाले,
और एक दिन इश्क हुआ
और हम लावारिश हो गए.


वह नयन ही क्या जिसमें सपने ना हो,
वह चयन ही क्या जो अपने ना हो ।
वह फूल ही क्या जिसमें खुशबू ना हो,
वह शूल ही क्या जो चुभती ना हो।
वह दर्द ही क्या जो याद ना हो,
वह मुस्कान ही क्या जिसमें खुशी ना हो।


दिल मेरा जो अगर रोया न होता,
हमने भी आँखों को भिगोया न होता,
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को,
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता!


सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना ।
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना ।
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता ।
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना ।


बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।


जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है


कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया


बेवफा तो वो खुद थी,
पर इलज़ाम किसी और को देती हैं
पहले नाम था मेरा उसके होंठो पर,
अब वो नाम किसी और का लेती हैं,
कभी लेती थी वादा मुझसे साथ ना छोड़ने का
अब यही वादा वो किसी और से लेती हैं..||


ये तेरा खेल न बन जाए हक़ीकत एक दिन,
रेत पे लिख के मेरा नाम मिटाया न करो।


तेरी मुश्कान तारे लहेज़ा तेरे मासूम से अलफ़ाज़
किया कहू बस बहुत याद आते हो तुम


आते आते मिरा नाम सा रह गया
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया


रात आ गयी पर अँधेरा बाकी
रात होने तक सवेरा साक़ी


हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले.


वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।


दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।
आँखों से मोती निकलते रहेगे।
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।


“कुछ गैर मुझे ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए और कुछ अपने ऐसे मिले जो मुझे गैर का मतलब बता गए।”


तुम न आए तो क्या सहर न हुई हाँ मगर चैन से बसर न हुई मेरा नाला सुना ज़माने ने एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई


वो मायूसी के लम्हों में जरा भी हौसला देता, तो हम कागज़ की कश्ती पे समंदर उतर जाते।।


ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया


ऐसा नहीं है कि दुःख बढ़ गए है बल्कि सच्चाई यह है कि
लोगों में सहनशीलता कम हो गयी है।


तेरे साथ रहने पर मेरा बस नहीं तुझे भोलना भी महाल है
में कहाँ गुजरों ये ज़िन्दगी मेरे सामने सवाल है


अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ


सुना है वो आने वाली है अपना प्यार लें कर..
मैं भी खड़ा रहुगा उसके दीदार मे कोहिनूर का हार लेकर..!


तुमने कहा था आँख भर कर देख लिया करो मुझे,
पर अब आँख भर आती है
और तुम नज़र नहीं आते हो.


न वो सपना देखो जो टूट जाये,न वो हाथ थामो जो छूट जाये, मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।


दर्द को दर्द अब होने लगा है।
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।


“तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा, वरना खेल तो इतने खेले है मैंने कि कभी भी हारा नहीं”


तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना, कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता


ज़िन्दगी की हर शाम, हसीन हो जाए… अगर मेरी मोहब्बत मुझे, नसीब हो जाये…


मैं तो बस ज़िंदगी से डरता हूं
मौत तो एक बार मारेगी


रात भर रोती रही वो आँखें,
जाने किसकी याद में जागती रही वो आँखें।
अश्को की अब क्या कीमत लगायी जाये
की हर आंसू के गिरते,
किसी को पुकारती रही वो आँखें।
पलकों पे तस्वीर लिए मेहबूब का,
तरसती रही वो आँखें।
कहना चाहा बहुत कुछ,
पर खामोश रही वो आँखें।
उन आँखों को चाहिए था दीदार अपने मेहबूब का
जो रूठ के चला गया हैं कही दूर,
उसके लौट आने की राह तख्ती रही वो आँखें..।।


सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।


उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे,
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखें हैं !


हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया


हद से ज्‍यादा बढ़ चुका है तेरा नजरअंदाज करना
ऐसा सलूक भी ना करो की हम भूलने पर मजबूर हो जाये…


किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती,
क्यूंकि जो दिल में होता है वो कभी किस्मत में नहीं होता है.


Humare Muskurane ki Wajah Tum Ho,
Hamare Zindagi ka Matlab Tum Ho,
Agar Chor Diya Saath Hamara To Samajh Lena
K Hamari Maut ki Waja Bhi Tum Ho.


वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता।


जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था,
हमसा कोई किसी जुर्म में आया भी न था,
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी,
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था।


इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’, कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे


कहते है प्यार में लोग जान तक दे देते है, पर जो किसी को टाइम नहीं दे सकता, वो जान क्या देगा!!


उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए
जिसको रोते हुए देखा न किसी ने


फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,
जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।


मुझ से बदनसीब कौन होगा,
मेरी कंधे पे सिर रख कर वो रोया भी तो किसी और के लिए ..!


खुवाबों के टूटने से दिल के टूटने तक
वो दुःख बताओ जो हम ने सहा है


रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ


रखा करो नज़दीकियां,
जिंदगी का भरोसा नहीं…
फिर कहोगे चुपचाप चले गए
और बताया भी नहीं…


तुम बहुत दिल नशीन थी,
पर जबसे किसी और की हो गयी हो,
तबसे ज़हर लगती हो.


o pagli samajhti hai ki usne mera dil tod diya
wo ye nahi janti mene wahi dard bayan karke yha hazaro ka dil jeet liya


दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!

तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!

यूँ तो मिल जाता है हर कोई!

मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!


जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था,
हमसा कोई किसी जुर्म में आया भी न था,
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी,
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था।


हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन, दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है


चले जायेंगे एक दिन, तुझे तेरे हाल पर छोड़कर… कदर क्या होती हैं प्यार की, तुझे वक़्त ही सीखा देगा…


ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है


एक प्यार के मुजरिम से उल्फत भी करे तो कैसे करे,
तुम्हे टूट के चाहा था नफरत भी करे तो कैसे करे,
जो प्यार हमे करता उसने ही डुबाया हैं,
क्या प्यार में सोचा था क्या प्यार में पाया हैं,

तुम जो भी हमे समझो पर तुमको सदा सरहाएंगे हम,
चाह कर भी तुम्हे भुला ना पाएंगे हम,
तुमने ही हंसी दी थी, तुमने ही रुलाया हैं
क्या प्यार में सोचा था, क्या प्यार में पाया हैं…


तुम्हारी तलाश में निकलूँ भी तो क्या फायदा..?
तुम बदल गए हो, खो गए होते तो और बात थी।


उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए


मोहब्बत के बाद मोहब्बत करना तो मुमकिन है,
लेकिन किसी को टूट कर चाहना,
वो ज़िन्दगी में एक बार ही होता है.


Muzhe Maloom H K Meri Zindagi K Gam Kbhi Jane Wale Nhi,Mai Intezar Krunga Unka Aakhiri Sans Tak Jo Kbhi Aane Wale Nhi,


यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम!


कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं।


“कितना बुरा लगता है, जब बादल हो और बारिश ना हो, जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो, जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो।”


हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले


मैं दिन हूं मेरी ज़बीं पर दुखों का सूरज है
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं


रोज ख्वाबों में जीते हैं वो ज़िन्दगी,
जो तेरे साथ हक़ीक़त में सोची थी कभी।


तन्हा मौसम है और उदास ‪‎रात‬ है
वो मिल के बिछड़ गये ये ‪‎कैसी मुलाक़ात‬ है,
दिल धड़क तो रहा है मगर ‎आवाज़‬ नही है,
वो धड़कन भी साथ ले गये ‎कितनी अजीब‬ बात है!


प्यार करने का हुनर हमें आता नहीं;
इसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गए;
हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था;
शायद इसीलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए!


ज़ख्म क्या क्या न ज़िन्दगी से मिले,
ख्वाब पलकों से बे-रुखी से मिले,
आप को मिल गए हैं किस्मत से,
हम ज़माने में कब किसी को मिले?


क्या प्यार में सोचा था, क्या प्यार में पाया हैं,
तुझको मिलाने की चाहत में, खुद को मिटाया हैं,
इस पर भी कोई इलज़ाम, ना तुझ पर लगाया हैं
मेरी ही ख्वाईशो ने, आज मुझे अर्थी पर सुलाया हैं


आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा!


जो तुम बोलो बिखर जाएँ जो तुम चाहो संवर जायें,
मगर यूँ टूटना जुड़ना बहुत तकलीफ देता है।


तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता,
तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी।


एक प्यार के मुजरिम से उल्फत भी करे तो कैसे करे,
तुम्हे टूट के चाहा था नफरत भी करे तो कैसे करे,
जो प्यार हमे करता उसने ही डुबाया हैं,
क्या प्यार में सोचा था क्या प्यार में पाया हैं,

तुम जो भी हमे समझो पर तुमको सदा सरहाएंगे हम,
चाह कर भी तुम्हे भुला ना पाएंगे हम,
तुमने ही हंसी दी थी, तुमने ही रुलाया हैं
क्या प्यार में सोचा था, क्या प्यार में पाया हैं…


मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में;
मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में;
सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं;
जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में।


जो शख्स मेरी हर कहानी हर किस्से में आया,
वो मेरा हिस्सा होकर भी मेरे हिस्से में नहीं आया।


किस्मत के खेल को, कौन जानता था,
जो आज मेरा हैं वो कल पराया होगा,
जानकर भी रोक ना पाते तकदीर की रवानी को,
किस्मत ने भी जाने कितनो को हराया होगा


आपकी नशीली यादों में डूबकर;
हमने इश्क की गहराई को समझा;
आप तो दे रहे थे धोखा और;
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।


कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी,
चैन से जीने की सूरत नहीं हुई,
जिसको चाहा उसे अपना न सके,
जो मिला उससे मोहब्बत न हुई।


कैसा हाल है हमारा, अब ना पूछो हमसे
फिर से वो कहानी अब ना सुना पाएंगे
किसने किया हैं यूँ बेदर्दी से क़त्ल हमारा
उस कातिल का नाम ना हम बता पाएंगे


क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है;
एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है;
तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी;
ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है।


जब भी वो उदास हो उसे मेरी कहानी सुना देना,
मेरे हालात पर हँसना उसकी पुरानी आदत है।


तुम क़रीब हो मगर फ़िर भी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं।
इन हवाओं का रूख भी बदल रहा है, लगता है तुम्हें अब सोहबत मेरी भाती नहीं।


मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा;
तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा;
मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल;
एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा।


हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस,
एक शख्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया।


सोच रहा हूँ कुछ ऐसा लिखू की वो,
पढ़ के रोये भी ना और रात भर सोये भी ना।


हमेशा जो खुद को सजाये रखते हैं
अंदर और ही हुलिया बनाये रखते हैं

पत्थर आँखें ही दिखाई देती हैं, और
दिल में एक दरया सा रुकाये रखते हैं


चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे;
अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे;
हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के;
हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे!


इक तेरे बगैर ही न गुजरेगी ये ज़िंदगी मेरी,
बता मैं क्या करूँ सारे ज़माने की ख़ुशी लेकर।


फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना तुम,
पुराना इश्क़ हूँ फिर उभरा तो कयामत होगी।


तुम्ही को मुबारक रहे दोस्तों, मुझे ऐसी दुनिया नहीं चाहिए
अपने ही मतलब से भरी इस दुनिया में कैसे कैसे हैं लोग

पिघलती नहीं आंसूओ से कभी, ये दुनिया वह पत्थर की दिवार हैं
किसी के गम से इसे क्या काम, ये दुनिया ख़ुशी की खरीददार हैं

ये दुनिया तो हैं एक नीलाम घर, यहाँ ज़िन्दगी बेच देते हैं लोग
किसे अपना, किसे अजनबी समझें, यहाँ मोहब्बत तक बेच देते हैं लोग

तुम्ही को मुबारक रहे दोस्तों, मुझे ऐसी दुनिया नहीं चाहिए
अपने ही मतलब से भरी इस दुनिया में कैसे कैसे हैं लोग



हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।


कोई आदत, कोई बात, या सिर्फ मेरी खामोशी,
कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा।


तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने ग़ालिब,
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रह गए।


वह नयन ही क्या जिसमें सपने ना हो,
वह चयन ही क्या जो अपने ना हो ।

वह फूल ही क्या जिसमें खुशबू ना हो,
वह शूल ही क्या जो चुभती ना हो।

वह दर्द ही क्या जो याद ना हो,
वह मुस्कान ही क्या जिसमें खुशी ना हो।


लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम;
हाय मेरी पाक मुहब्बत पर;
लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम;
प्यार की निशानी समझ कर।


बहुत मशरूफ हो शायद, जो हम को भूल बैठे हो,
न ये पूछा कहाँ पे हो, न यह जाना कि कैसे हो।


जब जब गम का बादल छाया
तब तब तेरी यादों की बरसात हुयी
एक दफा फिर तुझसे ख़्वाबों में मुलाक़ात हुयी


दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है;
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है;
उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता;
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!


मैंने रातो को बदलते देखा है
मैंने दिन को भी ढलते देखा है
क्यूंकि इस आँखों ने तुम्हारी सिवा कुछ भी नहीं देखा है।


सिर्फ चेहरे की उदासी से
भर आये तेरी आँखों में आँसू,
मेरे दिल का क्या आलम है
ये तो तू अभी जानता नहीं।


थी मोहब्बत हमे उनसे इतनी,
ना जाने क्या कमी पड़ गयी,
वो चली गयी ये बोलकर हमसे,
तेरी मोहब्बत में बेईमानी भर गयी


मरने की दुआएँ क्यूँ माँगूँ
जीने की तमन्ना कौन करे..

ये दुनिया हो या वो दुनिया अब
ख़्वाहिश-ए-दुनिया कौन करे..!!


ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक,
न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के।


ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में… यारों बहुत घाटा है।


इस बार वो मुझे लुटे……………., तो पूरी तरह लुटे
आवाज़ किसी को ना आये मगर दिल पूरी तरह टूटे


एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई!


“मौत के नाम से… सुकून मिलने लगा…
जिंदगी ने… कम नही सताया हमको…!!


एक तो सुकुन मेरे दिल का और एक तुम….!
कहाँ रहते हो आज कल मिलते ही नही।


हौसले जवाब दे रहे हैं, हारके उन हालातों से,
धीरे धीरे दूर हो रहा हूँ, अपने ही जज़्बातों से,
अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं….
आजा संभाल ले, इन हाथों को उन हाथों से


दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।


मैं आईना हूँ…. टूटना मेरी #फितरत है,
इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।


चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।


शेरो-शायरी तो #दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब,
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते।


अपने साथ हूँ न तेरे पास हूँ
मैं कई दिनों से यूं ही उदास हूँ


अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।


बिखर जाते हैं….. सर से पाँव तक, वो लोग…
जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह इश्क करते है।


राब्ते रिश्ते वास्ते कुछ नहीं पहले जैसा
दिल उदास और और बहुत उदास है


बुला रहा है कौन मुझको उस तरफ,
मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है।


हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है।


बेखबर, बेवजह बेरुखी ना किया कर,
कोई टूट जाता है तेरा लहजा बदलने से।


इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी है,
तुम बिछड गए हम बिख़र गए,
तुम मिले नहीं और…
हम किसी और के हुए नही।


जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो


#_ये_मोहब्बत के #रास्ते_अक्सर #दिलों_को_तोड़ देते हे…💞
#_तुम_मंज़िल की #बात_करते हो #लोग_राहों मे #छोड_देते है…!!!💞


वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।


दिल को ज़ख्म दिए ऐसे उसने जिसकी कोई दवा नहीं,
सज़ा मिली हमें उसकी जो हमारी खता नहीं,
फिर भी तड़पता है ये दिल हर पल उसके लिए,
जो तक़दीर में हमारी लिखा नहीं।


चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।


तेरी फुर्सतों को खबर कहाँ
मेरी धडकने उदास हैं


तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।


जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।



कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको अचानक ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म हो गई


“ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा दुख दिल टूटने पर नही भरोसा टूटने पर होता है, क्योंकि हम किसी पर भरोसा कर के ही दिल लगाते है।”


सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।


होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।


अपनी तन्हाई में तनहा ही अच्छा हूँ मुझे ज़रूरत नहीं दो पल के सहारो की


वही वहशत, वही हैरत, वही तन्हाई है मोहसिन,
तेरी आँखें मेरे ख़्वाबों से कितनी मिलती-जुलती हैं।


नहीं फुरसत यकीन जनों हमें कुव्ह और करने की
तेरी बातें तेरी यादें बहुत मफ्स्रूफ़ रखती है


प्यार में मौत से डरता कोन है ।
प्यार हो जाता है करता कोन है।
आप जैसे यार पर हम तो क्या सारी दुनियां फिदा है।
लेकिन हमारी तरह आप पर मरता कौन है।


भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत,
तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।


💙#टूट कर 😒💔 बिखर जाते 😞💘 है #वो 😕💜 लोग मिट्टी 😔💓 की दीवारो 😟💝कि तरह, 😥🧡 #जो खुद 🙁💗 से भी ज्यादा 🤗💖 #किसी और से 🥰💏 मुहब्बत #किया 😏💞 करते है💙💕💚


तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।


हर दर्द से बड़ा होता है ये जुदाई का दर्द क्योंकि इसमें एक लम्हा जीने के लिए सौ बार मरना पड़ता है


वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।


मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है,
जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे नींद से नफरत हो जायगी।


नफरत कभी न करना तुम हमसे यह हम सह नहीं पाएंगे एक बार कह देना हमसे जरूरत नहीं अब तुम्हारी, तुम्हारी दुनिया से हंसकर चले जायेंगे


चेहरे पर हँसी छा जाती है।
आँखों में सुरूर आ जाता है।
जब तुम मुझे अपना कहते हो।
अपने आप पर ग़ुरूर आ जाता है।


उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग जो,
किसी बेपरवाह से बे-पनाह मोहब्बत करते हैं।



सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर,
जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर।



मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं


हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे।
कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे।
हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा।
मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पगल ना होगा ।


अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल, अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल, अब किसी दिलासे की जरूरत नही है, क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल।


साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती,
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती,
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त,
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।


हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर, तुझ पर ज़रा भी जोर होता मेरा, ना रोते हम यूँ तेरे लिए.. अगर हमारी जिंदगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..


ना वो सपना देखो जो टूट जाये,
ना वो हाथ थामो जो छुट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये|


हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,
ज़िन्दगी तो बीत जायेगी ऐ दोस्त,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना।


हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,
ज़िन्दगी तो बीत जायेगी ऐ दोस्त,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना


उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब सिलसिला था,
अपना बनाया भी नहीं और किसी का होने भी नहीं दिया।


आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे,
मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे,
पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे।


अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो ‘शायर’।


कितने दिन गुजर गए उसने याद तक न किया मुझे नहीं पता था की इश्क़ में भी छुट्टिया होती हैं


सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें


मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हैं मौसम की तरह लोग… बदल जाते हैं,
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते


सच्ची मोहब्बत में प्यार मिले न मिले लेकिन याद करने के लिए एक चेहरा जरूर मिल जाता है


जिंदगी से सिकवा नहीं की उसने गम का आदी बना दिया गिला तो उनसे है जिन्होंने रौशनी की उम्मीद दिखा के दीया ही बुझा दिया


मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही।
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही।
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है।
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही।


होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है


दिल का तमाशा देखा नहीं जाता
टुटा हुआ सितारा देखा नहीं जाता
अपनी हीसे की सारी ख़ुशी आपको दे दूँ
मुझसे आपका ये उदास चेहरा देखा नहीं जाता |


आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे,
मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे,
पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे


इन्ही पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ,
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है।

~ मुस्तफ़ा ज़ैदी


चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।


कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।


अपना लडना भी मोहब्बत है तुझे एल्म नही
चिल्लाती तुम रहे और मेरा गला बैठ गया



जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।


मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं
क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं


दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।


जब मिलो किसी से
तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तङपाते है
अक्सर सीने से लगाने वाले।


तुम खास नहीं हो ,मगर हर सांस में हो
रू-ब-रू नहीं हो मगर ,हर एहसास में हो
मिलोगे या नहीं मगर ,मेरी हर तलाश में हो
चाहे पूरी हो या ना हो ,मगर हर आस में हो
दूर ही सही तुम ,मगर फिर भी पास ही हो।


मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।


बहुत मशरूफ हो शायद,
जो हम को भूल बैठे हो,
न ये पूछा कहाँ पे हो,
न यह जाना कि कैसे हो।


तुम्हें चाहा तो बस चाहा इतना कि,
किसी और को चाहने की चाहत ना रही I


वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।

Conclusion

As we conclude this poignant collection of Sad Shayari, we bid farewell to a journey filled with emotions and heartache. Within these verses, we have explored the depths of sorrow, pain, and longing that touch the human heart.

Sad Shayari has a unique way of connecting us through shared feelings and offering solace in times of grief. As we wrap up this emotional odyssey, let the essence of these verses continue to remind us of the beauty and fragility of human emotions, encouraging empathy and understanding towards ourselves and others.

May these verses serve as a gentle reminder that amidst sadness, there is hope for healing and growth.